महिलाओं में थायराइड का खतरा अधिक, बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
अलवरPublished: May 26, 2023 10:03:57 pm
अलवर. जीवन शैली में बदलवाव के साथ ही थायरॉइड के मरीज बढ़ रहे हैं। वहीं चिकित्सकों के अनुसार पुरूषों की तुलना में महिलाओं में थायरॉइड का खतरा अधिक रहता है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार राजस्थान में एक लाख में से 1310 महिलाओं में थायरॉयड की बीमारी मिली है। इसका मुख्य कारण आयोडीन की कमी, फल-सब्जियों व सलाद में पेस्टिसाइड्स, तनाव, बदलती जीवन शैली, प्रदूषण, डिब्बा बंद खाना, जंक फूड, फास्ट फूड एवं पेय पदार्थ है। इसके साथ ही भोजन व पेय पदार्थों में प्रिजर्वेटिव्स, कलरिंग एजेंट, केमिकल व हेवी मेटल


महिलाओं में थायराइड का खतरा अधिक, बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
महिलाओं में थायराइड का खतरा अधिक, बचाव के लिए जागरूकता जरूरी
-प्रदेश में एक लाख में से 1310 महिलाएं थायराइड से पीडि़त अलवर. जीवन शैली में बदलवाव के साथ ही थायरॉइड के मरीज बढ़ रहे हैं। वहीं चिकित्सकों के अनुसार पुरूषों की तुलना में महिलाओं में थायरॉइड का खतरा अधिक रहता है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार राजस्थान में एक लाख में से 1310 महिलाओं में थायरॉयड की बीमारी मिली है। इसका मुख्य कारण आयोडीन की कमी, फल-सब्जियों व सलाद में पेस्टिसाइड्स, तनाव, बदलती जीवन शैली, प्रदूषण, डिब्बा बंद खाना, जंक फूड, फास्ट फूड एवं पेय पदार्थ है। इसके साथ ही भोजन व पेय पदार्थों में प्रिजर्वेटिव्स, कलरिंग एजेंट, केमिकल व हेवी मेटल्स का होना है।
महिलाओं में बीमारी का खतरा अधिक
थायरॉइड हार्माेन विकास को नियंत्रित करता है। बालिकाओं में यौवन (प्यूबर्टी) या मासिक धर्म का समय से बहुत जल्दी या बहुत देरी से आना हो सकता है। इससे महिला का विकास प्रभावित होता है क्योंकि यह हार्मोन संपूर्ण यौन विकास के लिए आवश्यक है। इसलिए गर्भ धारण से पहले या गर्भ धारण के तुरंत बाद थायरॉइड की जांच आवश्यक है। चिकित्सकों के अनुसार गर्भावस्था में करीब 13 प्रतिशत महिलाएं थायरॉइड की शिकार होती हैं। इसके कारण प्रजनन चक्र में विकार, गर्भधारण में देरी, गर्भस्थ शिशु का शारीरिक व मानसिक विकास का प्रभावित होना, महिलाओं में खून की कमी, गर्भपात, बांझपन तथा नवजात बच्चे में भी थायरॉइड की कमी की संभावना बनी रहती है।