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महिलाओं की खरीद-फरोख्त की नई मंडी बना अलवर

locationअलवरPublished: Aug 09, 2016 10:45:00 am

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गोतस्करी के लिए कुख्यात अलवर जिला तेजी से महिलाओं की खरीद-फरोख्त की नई मंडी के रूप में भी उभर रहा है। अलवर में दूसरे जिलों व प्रदेशों से बड़ी संख्या में महिलाओं व बच्चियों को खरीद कर लाया जा रहा है।

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गोतस्करी के लिए कुख्यात अलवर जिला तेजी से महिलाओं की खरीद-फरोख्त की नई मंडी के रूप में भी उभर रहा है। अलवर में दूसरे जिलों व प्रदेशों से बड़ी संख्या में महिलाओं व बच्चियों को खरीद कर लाया जा रहा है। बाद में इन्हें देह व्यापार सहित अन्य गलत धंधों में धकेला जा रहा है।
रविवार को सदर थाना पुलिस ने गांव गाजूकी से एक महिला को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से कोलकाता से खरीद कर लाई एक नाबालिग को मुक्त कराया। महिला जबरन नाबालिग से देह व्यापार कराती थी। महिलाओं की खरीद फरोख्त व देह व्यापार के दलदल में धकेलने का यह अकेला मामला नहीं है। इससे पहले भी अलवर में एेसे कई मामले सामने आ चुके हैं।
केस-1


सितम्बर 2015 में एनईबी थाना पुलिस ने खुदनपुरी से देह व्यापार में लिप्त दो महिलाओं को मुक्त कराया। इनमें से एक महिला झारखण्ड व दूसरी आसाम से खरीद कर लाई गई थी। मामले में पुलिस ने चार जनों को गिरफ्तार किया था।
केस-2


जुलाई 2015 में टपूकड़ा थाना पुलिस ने जबरन देह व्यापार के धंधे में लिप्त दो महिलाओं को मुक्त करा चार जनों को गिरफ्तार किया। दोनों महिलाएं साहरनपुर उत्तरप्रदेश से खरीद कर लाई गई थी।
केस-3


दिसम्बर 2015 में पुलिस ने शहर से एक नौकरानी को मुक्त कराया। इसे मकान मालकिन के मामा का लड़का दूसरे राज्य से खरीद कर लाया था। बाद में उसने उसे मकान मालकिन को बेच दिया।
रेड लाइट एरिया भी रहा पनप

महिलाओं व बच्चियों की खरीद फरोख्त से अलवर शहर सहित आस-पास के क्षेत्रों में रेडलाइट एरिया भी पनप रहे हैं। जिन्हेंे चमकाने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं व बच्चियों का खरीद व बेचान हो रहा है। दूसरे राज्यों से भी महिलाएं लाई व भेजी जा रही हैं। शहर से बाहर निकलते ही सड़क किनारे एेसे अड्डे आसानी से दिखने लगे हैं। वहीं, गांवों व कस्बों में गुपचुप तरीके से यह व्यापार चल रहा है।
सबसे अधिक मामले जयपुर में

पूरे प्रदेश की बात करें तो मानव तस्करी के सबसे ज्यादा मामले जयपुर में सामने आए हैं। वर्ष 2010 से लेकर 2014 तक चार साल में अकेले जयपुर में मानव तस्करी 336 प्रकरण दर्ज किए गए। इनमें से जयपुर उत्तर में सबसे अधिक 211 प्रकरण सामने आए। इस दौरान जयपुर पश्चिम में 80 व जयपुर पूर्व में 42 व जयपुर ग्रामीण में 3 मानव तस्करी के मामले दर्ज हुए। जयपुर के बाद सबसे मामले श्रीगंगानगर में 74 सामने आए। अलवर में भी इस दौरान 15 प्रकरण दर्ज हुए।
जिला विगत चार साल में मानव तस्करी के दर्ज प्रकरण


झुझुनूं …….. 1
बीकानेर …….. 1
सीकर …….. 1
नागौर …….. 1
राजसमन्द …….. 2
सवाईमाधोपुर …….. 2
भीलवाड़ा …….. 2
कोटा …….. 4
अजमेर …….. 5
अजमेर …….. 5
बूंदी …….. 6
टोंक …….. 10
हनुमानगढ़ …….. 11
अलवर …….. 15
जोधपुर …….. 28
धौलपुर …….. 34
चूरू …….. 41
डूंगरपुर …….. 47
उदयपुर …….. 48
भरतपुर …….. 60
गंगानगर …….. 74
जयपुर …….. 336
(एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार)
मानव तस्करी की कहानी, आंकड़ों की जुबानी

राहुल प्रकाश जिला पुलिस अधीक्षक अलवर ने बताया कि महिलाओं की खरीद-फरोख्त के मामले अलवर में हैं। इन्हें रोकने के लिए योजना बनाकर कार्रवाई की जाएगी।

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