नौकरी के लिए बने कानून उन्होंने कहा कि सदन में हर विधानसभा सत्र में ये मुद्दा उठाया कि राजस्थान के युवा का 23 राज्यों में सिलेक्शन नहीं हो पा रहा है। कई राज्यों में भाषाओं का बैरियर लगा दिया जाता है। कहीं आरक्षण की दीवार है। राजस्थान के युवा को बाहर भी नौकरी नहीं मिल रही है। यहां उसके हितों की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में राजस्थान में भी एक ऐसा कानून बने, ताकि राजस्थान के युवा को नौकरी मिले लेकिन सरकार ऐसा कोई बिल लेकर नहीं आई। पूर्ववर्ती सरकारों ने भी ऐसा कुछ नहीं किया न वर्तमान सरकार कर रही। उन्होंने कहा कि वो निर्दलीय विधायक हैं, अकेले हैं, उनके हाथ में न सरकार बनाना है न गिराना है. यही वजह है कि उनका दबाव माना नहीं जाता। ऐसे में वो और कुछ नहीं कर सकते कम से कम खुद को कष्ट तो दे सकते हैं। उन्होंने इसे युवा बेरोजगारों की पीड़ा और एक आग बताई। जिसकी तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।