इनमें से एक बम नीमराणा एएसपी की गाड़ी पर आकर पड़ा। जिससे उनकी गाड़ी की सीटें आदि जल गई। गनीमत ये रही कि एएसपी सहित अन्य पुलिसकर्मी तब तक गाड़ी से उतर चुके थे। पुलिस की मानें तो 2 अप्रेल को अलवर बंद के दौरान प्रदर्शन में कई बाहरी लोग भी शामिल थे। जो अपने साथ पेट्रोल बम लेकर आए। इन बमों का इस्तेमाल उन्होंने पुलिस पर दहशत बनाने में किया। ऐसा अलवर में संभवत: पहली बार हुआ। पदमावती फिल्म के प्रदर्शन पर रोक के दौरान जरूर देश के कई हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल बम फेंके थे।
हिंसा फैलाने की थी मंशा पुलिस की मानें तो प्रदर्शकारियों में शामिल कुछ लोगों की मंशा हिंसा फैलाने की थी। तभी तो वे अपने साथ पेट्रोल बम लेकर आए। ऐसे में सवाल ये है कि इस हिंसा से किसे फायदा पहुंचता। हिंसा फैलाने वालों ने इसके लिए यह समय ही क्यों चुना? क्या चुनावों से भी इसका कोई संबंध है? ऐसे कई सवाल अभी अनसुलझे हैं, जिनका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। खास बात ये है कि इस कृत्य की स्थानीय लोगों को भी भनक नहीं लगने दी गई।
आजीवन कारावास तक का प्रावधान किसी पर पेट्रोल बम फेंकना हत्या के प्रयास की श्रेणी में आता है। आईपीसी की धारा 307,326 व 436 के तहत ऐसे मामले में आरोपित को 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।
इंटरनेट बेलगाम, बनाने के तरीके तमाम उधर, इंटरनेट बेलगाम है, इस पर पेट्रोल बम बनाने के तरीके आसानी से मिल रहे हैं। इन्टरनेट पर वीडियो के जरिए भी पेट्रोल बम बनाने के तरीके बताए जा रहे हैं। वहीं, कई वेबसाइट पर भी पेट्रोल बम बनाने के तरीके आर्टिकल के रूप में बताए जा रहे हैं। लोगों को ओर से लाइक्स व पैसे कमाने के चक्कर में इनकी वीडियो आकर्षक शीर्षक लिखकर उनके सोशल मीडिया चैनलों पर भी अपलोड की जा रही है। इससे उनकी तो कमाई हो रही है, लेकिन युवा इससे दिग्भ्रमित होकर अपराध की ओर जा रहे हैं।
लवर बंद के दौरान खैरथल में कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पेट्रोल बम फेंके। इनमें से कुछ बम खैरथल थाने में आकर गिरे। इन प्रदर्शनकारियों की फिलहाल पहचान नहीं हो सकी है।
हिमांशु, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीमराणा।
हिमांशु, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीमराणा।