जिले के हालात जिले में 94 अस्पतालों में डीप फ्रीजर की सुविधा है। जहां वैक्सीन रखी जाती है। इनमें से गूताशाहपुर पीएचसी, रामपुर पीएचसी, हमीराका पीएचसी, थानागाजी सीएचसी, प्रतापगढ़, राजपुरबड़ा पीएचसी, पृथ्वीपुरा पीएचसी, बालेटा पीएचसी, मौजपुर, लक्ष्मणगढ़ सीएचसी, हरसौरा पीएचसी, झालाटाला पीएचसी, खेड़ली पीएचसी, मुबारिकपुर पीएचसी, ऊंटवाल पीएचसी, गहनकर पीएचसी के डीप फ्रीजर आए दिन खराब रहते हैं। इसके अलावा तिजारा, कठूमर ब्लॉक में ज्यादा परेशानी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डीप फ्रीजरों में तापमान की मॉनिटरिंग के लिए विशेष जीपीएस यंत्र लगा हुआ है। लेकिन उसके बाद भी आए दिन दिक्कत होती है।
कब कौनसी वैक्सीन जरुरी जन्म के समय बच्चे को बीसीजी, हेपेटाइटिस बी का पहला टीका लगता है व बच्चे को पोलियो की वैक्सीन पिलाई जाती है। छह माह पर डीपीटी की पहली खुराक, पोलियो, हेपेटाइटिस की दूसरी खुराक, इन्फ्लुएंजा बी की पहली खुराक, पोलियो का टीका, रोटावायरस की पहली खुराक, न्यूमोकोकल की पहली खुराक दी जाती है। वहीं 10 माह में डीपीटी की दूसरी खुराक, पोलियो, न्यूमोकोकल, हेमोफिलस, रोटावायरस की दूसरी खुराक दी जाती है। 14 माह की उम्र में डीपीटी, पोलियो, हेमोफिलस, कन्जुगेटेड वैक्सीन व रोटावायरस की तीसरी खुराक दी जाती है। इसी तरह से छह महीने की उम्र, 9 माह, 10 से 12 महीने, एक वर्ष, 15 से 18 महीने की उम्र, 2 वर्ष, पांच वर्ष व 10 वर्ष की उम्र में टीडी का वैक्सीन लगता है।
इन ब्लॉकों में मिलते हैं ज्यादा मरीज अलवर के नौगांवा, रामगढ़, लक्षमगढ़, तिजारा, थानागाजी, राजगढ़ सहित आसपास के क्षेत्र में आए दिन टाइफाइड, खसरा, डिप्थीरिया, गलगोटू व चिकन पॉक्स के मरीज मिल रहे हैं।