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अगर आप अपने बच्चे को अलवर के सामान्य चिकित्सालय के ले जा रहे हैं तो हो जाइए सावधान! सुधरने के बजाए बिगड़ सकती है सेहत

locationअलवरPublished: Mar 19, 2018 08:49:39 am

Submitted by:

Prem Pathak

अलवर के सरकारी अस्पतालों में डीप फ्रीजर का तापमान मानकों के अनुसार न रहने के कारण बच्चों का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।

VAXEEN IN GOVERNMENT HOSPITAL OF ALWAR IS DANGEROUS FOR KIDS
मौसम में बदलाव के साथ ही वैक्सीन खराब होने का खतरा मंडराने लगा है। इसका कारण है वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए निर्धारित तापमान उपलब्ध नहीं हो पाना। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए 8 डिग्री से 20 डिग्री तापमान जरूरी माना गया है, लेकिन जिले के ज्यादातर सरकारी अस्पतालों में या तो डीप फ्रीजर खराब है या फिर बिजली कटौती की मार झेल रहे हैं। यही कारण है कि जिले में विभिन्न स्थानों पर टीकाकरण के बाद भी टाइफाइड, खसरा, डिप्थीरिया, चिकन पॉक्स व गलघोंटू जैसे रोगों के मरीज मिलना जारी है।
जिले के हालात

जिले में 94 अस्पतालों में डीप फ्रीजर की सुविधा है। जहां वैक्सीन रखी जाती है। इनमें से गूताशाहपुर पीएचसी, रामपुर पीएचसी, हमीराका पीएचसी, थानागाजी सीएचसी, प्रतापगढ़, राजपुरबड़ा पीएचसी, पृथ्वीपुरा पीएचसी, बालेटा पीएचसी, मौजपुर, लक्ष्मणगढ़ सीएचसी, हरसौरा पीएचसी, झालाटाला पीएचसी, खेड़ली पीएचसी, मुबारिकपुर पीएचसी, ऊंटवाल पीएचसी, गहनकर पीएचसी के डीप फ्रीजर आए दिन खराब रहते हैं। इसके अलावा तिजारा, कठूमर ब्लॉक में ज्यादा परेशानी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार डीप फ्रीजरों में तापमान की मॉनिटरिंग के लिए विशेष जीपीएस यंत्र लगा हुआ है। लेकिन उसके बाद भी आए दिन दिक्कत होती है।
कब कौनसी वैक्सीन जरुरी

जन्म के समय बच्चे को बीसीजी, हेपेटाइटिस बी का पहला टीका लगता है व बच्चे को पोलियो की वैक्सीन पिलाई जाती है। छह माह पर डीपीटी की पहली खुराक, पोलियो, हेपेटाइटिस की दूसरी खुराक, इन्फ्लुएंजा बी की पहली खुराक, पोलियो का टीका, रोटावायरस की पहली खुराक, न्यूमोकोकल की पहली खुराक दी जाती है। वहीं 10 माह में डीपीटी की दूसरी खुराक, पोलियो, न्यूमोकोकल, हेमोफिलस, रोटावायरस की दूसरी खुराक दी जाती है। 14 माह की उम्र में डीपीटी, पोलियो, हेमोफिलस, कन्जुगेटेड वैक्सीन व रोटावायरस की तीसरी खुराक दी जाती है। इसी तरह से छह महीने की उम्र, 9 माह, 10 से 12 महीने, एक वर्ष, 15 से 18 महीने की उम्र, 2 वर्ष, पांच वर्ष व 10 वर्ष की उम्र में टीडी का वैक्सीन लगता है।
इन ब्लॉकों में मिलते हैं ज्यादा मरीज

अलवर के नौगांवा, रामगढ़, लक्षमगढ़, तिजारा, थानागाजी, राजगढ़ सहित आसपास के क्षेत्र में आए दिन टाइफाइड, खसरा, डिप्थीरिया, गलगोटू व चिकन पॉक्स के मरीज मिल रहे हैं।
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