कलाकंद की शुद्धता पर भी संदेह देश-विदेश तक अलवर की पहचान बनाने वाला कलाकंद भी अलवर रेलवे स्टेशन पर शक के दायरे में है। रेलवे सलाहकार समिति भी इसकी शुद्धता पर आपत्ति जता चुकी है। गत दिनों समिति की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। तब रेलवे ने कलाकंद की रेट बढ़ाकर शुद्धता में बढ़ोतरी का आश्वासन दिया। बाद में जंक्शन की स्टॉलों व दुकानों पर कलाकंद की रेट तो बढ़ गई, लेकिन शुद्धता में बढ़ोतरी का पता नहीं चला। रेलवे सलाहकार समिति के सदस्यों के अनुसार पहले जंक्शन पर कलाकंद 180 से 200 रुपए किलो बिकता था, जबकि बाजार में इसकी दरें इससे कहीं अधिक थी। इससे जंक्शन पर बिकने वाले कलाकंद की शुद्धता पर संदेह था।
रेलवे स्टेशन पर बिकने वाली खाद्य सामग्री की वैसे तो समय-समय पर जांच होती है, फिर भी मिलावट व सेहत से खिलवाड़ की गुंजाइश से इनकार नहीं किया जा सकता। जंक्शन पर पहले कलाकंद काफी सस्ता व घटिया क्वालिटी का मिलता था। हमने कह-कहकर इसे सुधरवाया है।
नरेंद्र सिंह चौहान, सदस्य, मण्डल रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति