उद्योगनगरी में हवा रविवार की ही तरह सोमवार को भी चली, लेकिन इसका रुख बदला गया। रविवार को हवा पूर्व दिशा से आ रही थी तो सोमवार को उत्तर-पूर्व से हवा आने लगी। इसी कारण प्रदूषण का मिजाज नासाज हुआ। भिवाड़ी में इससे पहले शनिवार को भी एक्यूआई 325 पहुंच गया था, जबकि यह शुक्रवार को 270, गुरुवार को 294 और बुधवार को 162 रहा था। वायु प्रदूषण बढऩे से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसी कारण लोग बेचैन हो उठते हैं। हालांकि सोमवार को दिल्ली में स्थिति ज्यादा खराब रही, जहां वायु प्रदूषण के आंकड़े 460 एक्यूआई तक पहुंच गए।
प्रदूषण की रोकथाम के सतत प्रयास जारी शहर व औद्योगिक क्षेत्रों में उडऩे वाली धूल से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए भिवाड़ी नगर परिषद व भिवाड़ी जल प्रदूषण निवारण ट्रस्ट (बीजेपीएनए) की ओर से कई टैंकर लगाकर सडक़ों पर सीईटीपी से शोधित पानी का छिडक़ाव सोमवार को भी जारी रहा। वहीं रीको भी दमकलों से औद्योगिक क्षेत्रों में पानी का छिडक़ाव लगातार करा रहा है। लेकिन इन तमाम प्रयासों को हवा ने बदले रुख ने सोमवार को झटका लगा दिया।
स्टोन क्रशर, हॉट मिक्सिंग प्लांट व फैक्ट्रियां भी बंद एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए गठित पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण मण्डल (ईपीसीए) के आदेश पर रविवार से कोयला, लकड़ी या तूड़ी आदि को ईंधन के रूप में प्रयोग में लेने वाली फैक्ट्रियांं बंद हो चुकी हैं, जबकि स्टोन क्रशर, हॉट मिक्सिंग प्लांट, खुदाई कार्य व निर्माण कार्य एक नवम्बर को ही बंद करा दिए थे। ये सभी 10 नवम्बर तक बंद रहेंगे। गौरतलब है, पिछले साल ही नहीं, इस बार भी भिवाड़ी का वायु प्रदूषण देशभर में सर्वाधित रहा, जो गंभीर चिंतनीय है।
वायु प्रदूषण बढऩे का मूल कारण सोमवार को हवा के रुख में बदलाव रहा। रविवार को हवा पूर्व दिशा से बह रही थी, जब यहां का एक्यूआई 180 आ गया था, लेकिन सोमवार को हवा के उत्तर-पूर्व से बहने के कारण एक्यूआई बढकऱ 328 तक पहुंच गया, जो चिंता का विषय है। प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सतत निगरानी के साथ-साथ पानी का छिडक़ाव भी कराया जा रहा है। कोयला आधारित फैक्ट्रियों के साथ ही स्टोन क्रशर, हॉट मिक्सिंग प्लांट आदि इन दिनों बंद हैं, जो 10 नवम्बर तक बंद ही रहेंगे।
– केसी गुप्ता, क्षेत्रीय अधिकारी, वायु प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, भिवाड़ी।