खासकर अलवर जिले के किसान मायूस हो रहे हैं। बिना बारिश के खेतों में खड़ा बाजरा, ज्वार, ग्वार व कपास की फसल मुरझा रही है। किसानों का कहना है कि एक सप्ताह बारिश नहीं हुई तो फसल आधी रह जाएगी। अभी कुछ जगहों पर एक चौथाई फसल का नुकसान हो चुका है। बारिश नहीं होने के कारण बाजरा पीला पड़ गया है। फसल की वृद्ध रुक गई है। अलवर जिले में किसानों की मुख्य फसल बाजरा ही है।
सारे बांध अभी खाली जिले के अधिकतर बांध अभी खाली हैं। जबिक सावन का महीना पूरा होने जा रहा है। सावन के दिनों में जिले भर में नामात्र बारिश हुई है। कुछेक क्षेत्र में जरूर थोड़ी बहुत बारिश होने से फसल में जान आई थी। अभी तक सिलीसेढ़ बांध में भी पूरा पानी नहीं आया है।
औसत बारिश भी नहीं अलवर स्थित सिंचाई विभाग के कंट्रोल रूम के अनुसार पूरे जिले में अभी तक औसत बारिश 555 मिमी की बजाय केवल 315 मिमी हुई है। बारिश का सीजन 15 जून से 15 सितम्बर तक माना जाता है।
कहां कितनी बारिश अभी तक कोटकासिम 608 मिमी, अलवर शहर 449, किशनगढ़बास 474, बहादरपुर 458, सोडावास 417, राजगढ़ 365, तिजारा 360, गोविन्दगढ़ 326, अलवर शहर 393, बहरोड़ 271, बानसूर 226, लक्ष्मणगढ़ 270, मालाखेड़ा 231, टपूकड़ा 192, नीमराणा 115, अलवर जयसमंद 126, मंगलसर राजगढ़ 177, सिलीसेढ़ 327, मुण्डावर 184 मिमी बारिश हुई है।
बांध भी सूखे बारिश की बेरुखी के कारण इस बार अलवर के बांध भी सूखे हुए हैं। अलवर जिले के 24 में से 18 बांध इस समय सूखे हुए हैं। सिलीसेढ़ की भराव क्षमता 28 फीट है, लेकिन इस समय झील में 19 फीट ही पानी है। मंगलासर बांध की भराव क्षमता 46 फीट है, जबकि इस बांध में पानी केवल 13 फीट ही रह गया है। वहीं जयसमंद बांध में भी 2 फीट पानी ही है।