इस वर्ष अलवर जिले में बरसात 446 एमएम आई है। जयसमंद में इस साल सबसे कम बरसात 155 एमएम हुई है। इसी प्रकार रामगढ़ में 417, मुंडावर में 210, बहरोड़ में 326, बानसूर में 427, लक्ष्मणगढ़ में 364, तिजारा में 569, कठूमर में 426, किशनगढ़बास मे 664, मालाखेड़ा में 308, राजगढ़ में 575, टपूकड़ा में 298, बहादुरपुर मेंं 577, नीमराणा में 165, थानागाजी में 246, कोटकासिम में 984, गोविन्दगढ़ में 418, अलवर शहर में 550 मिमी बरसात हुई है। इसी प्रकार मंगलसर बांध में 240, सीलिसेढ़ में 451 मिमी बरसात हुई है।
इस साल मौसम विभाग को 15 सितम्बर तक 4 या 5 बार अच्छी बरसात होने की संभावना है। इन दिनों में एक दिन में 100 मिमी तक बरसात आ सकती है। अलवर जिले में इस बार बरसात इतनी ही आई है कि इससे इस बार बाजरा, ज्वार और कपास की फसल को बचाया जा सके। कृषि विभाग के उप निदेशक पीसी मीणा का कहना है कि इस बार बरसात पिछले सालों से कम है लेकिन अभी और बरसात की संभावना है। अभी 3 या 4 अच्छी बरसात होने पर किसानों को लाभ मिलेगा। इस बार अलवर जिले में कपास की फसल अच्छी है। कपास का रकबा पिछले साल से अधिक है।
पानी का बंटवारा भी पूरा नहीं जयसमंद बांध में रूपारेल का पानी का बंटवारा भी सही नहीं हा रहा है। अधिक पानी भरतपुर की तरफ जा रहा है। आगे बांध व नदी के बीच की दूरी अधिक होने के कारण पानी को खेती में काम ले लिया जाता है। पिछले साल तेज बारिश हुई तो जसमंद बांध लबालब भर गया था। लेकिन यहां खेत खेत में कुएं खुद गए। जिसके बारण पूरा बांध ही दो महीने में सूख गया था।