scriptVideo: हड़ताल से गांव से लेकर सरकार तक के काम फेल | video: govt emply strike in alwar | Patrika News

Video: हड़ताल से गांव से लेकर सरकार तक के काम फेल

locationसवाई माधोपुरPublished: Jun 20, 2017 09:46:00 am

Submitted by:

Dharmendra Adlakha

पटवारी से लेकर तहसीलदार तक के अनश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से गांव से लेकर सरकार तक के काम फेल हो गए हैं। यूआईटी, परिषदों और राजस्व लोक अदालतों में पट्टों के काम अटक गए। कॉलेजों में प्रवेश वाले हजारों विद्यार्थी अधरझूल में रह गए हैं। तहसीलों में रजिस्ट्रियों का काम ठप हो गया है।

पटवारी से लेकर तहसीलदार तक के अनश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से गांव से लेकर सरकार तक के काम फेल हो गए हैं। यूआईटी, परिषदों और राजस्व लोक अदालतों में पट्टों के काम अटक गए। कॉलेजों में प्रवेश वाले हजारों विद्यार्थी अधरझूल में रह गए हैं। तहसीलों में रजिस्ट्रियों का काम ठप हो गया है। जिससे सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। जनता को धक्के खाने पड़ रहे हैं। हड़ताल के चलते कॉलेज में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
12 हजार से ज्यादा प्रमाण पत्र अटके

पूरे जिले में करीब 12 हजार से अधिक जाति प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र अटके पड़े हैं। जिससे सबसे अधिक चिंता कॉलेजों में प्रवेश वाले विद्यार्थियों को हो रही है। जिनको प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए ऑनलाइन आवेदन करना है। लेकिन जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने के कारण आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। ई-मित्र से प्रमाण पत्र मिलने की सुविधा है। आवेदक तहसीलों तक पहुंच गए हैं। वहां से भी निराशा हाथ लग रही है। 
अलवर तहसील में 18 सौ आवेदन

अकेले अलवर तहसील में 1 हजार जाति प्रमाण पत्र और करीब 800 मूल निवास प्रमाण पत्र के आवेदन अटके पड़े हैं। ई-मित्रों से आवेदन तहसील कार्यालयों तक पहुंच गए। लेकिन आगे उनकी जांच कर अधिकारियों तक नहीं भेजे जा रहे हैं। खुद तहसीलदार हड़ताल पर हैं। जिससे व्यवस्था गड़बड़ा गई है। 
जाति प्रमाण पत्र उपखण्ड अधिकारी के स्तर से जारी होते हैं। लेकिन तहसील से उनको आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है। तहसील कर्मचारी रजनी ने बताया कि हर दिन 150 से 200 आवेदन आ रहे हैं।
ई-मित्र पर ही आएगा प्रमाण पत्र

 तहसील कर्मचारियों ने बताया कि प्रमाण पत्र बनवाने के आवेदन ई-मित्र से ऑनलाइन आते हैं। यहां जांच की जाती है। कुछ कमी होती है तो वापस आवेदन ई-मित्र पर भेज दिया जाता है। दुबारा पूर्ति होने के बाद आता है। फिर जांच के बाद प्रमाण पत्र ई-मित्र पर जारी कर दिया जाता है।
 प्रमाण पत्र पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बनते हैं। जिसमें किसी का क्रम भी नहीं बदल सकते। कुछ ई-मित्र संचालक आवेदकों को गुमराह कर तहसील भेजते हैं। जबकि यहां क्रम से ही प्रमाण पत्र बनते हैं।
रोज 500 से ज्यादा पंजीयन अटक रहे: अलवर जिले में रोजाना 500 से अधिक दस्तावेजों का पंजीकरण अटक रहा है। अकेले अलवर तहसील में रोजाना करीब 50 से अधिक दस्तावेज पंजीकरण होते हैं। जो कि अब नहीं हो पा रहे हैं। 

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो