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Video : कारवां-ए-मोहब्बत के बहरोड़ पहुंचते ही हिंदू संगठन कार्यकर्ता हुए उग्र, पहलू को दी श्रद्धांजलि, भारी पुलिस बल तैनात

locationअलवरPublished: Sep 15, 2017 12:15:42 pm

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कारवां यात्रा के लोगों और हिंदू संगठन दोनों पक्षों को विश्वास में लिया। यात्रा को पहलू खां घटना स्थल पर जाने से रोकने में रहे कामयाब।

karwan-e-mohababbat in behror for pahlu khan case

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बहरोड़.

असम से चला कारवां-ए-मोहब्बत पिछले कल शाम को अलवर पहुंचने के बाद आज सुबह बहरोड़ पहुंचा। पहलू खां घटना मामले में आई मोहब्बत-ए-कारवां यात्रा यहां पर भारी विरोध के बाद बहरोड़ से रवाना हो गई। यात्रा प्रमुख पूर्व आईएएस हर्षमंदर और टीम के लोगों ने पुलिस की बात मानी।
डीएसपी ऑफिस के सामने हाइवे से धरना से उठे। मुख्य घटना स्थल के बजाए हाइवे जागुवास चौक पर पहलू को फूल चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी। बहरोड़ डीएसपी परमाल सिंह की घण्टे भर की गई सूझबूझ भारी समझाइस के काम आई। कारवां यात्रा के लोगों और हिंदू संगठन दोनों पक्षों को विश्वास में लिया। यात्रा को पहलू खां घटना स्थल पर जाने से रोकने में रहे कामयाब। इधर हिंदू संगठन कार्यकर्ताओं को भी उग्र होने से रोका गया।
यात्रा के लोग हाइवे पर पहलू खां के साथ मारपीट वाले घटनास्थल पर बंद पड़ी जयपुर सेंटेक्स कम्पनी के सामने हाइवे पर जाकर फूल चढ़ा कर श्रद्धांजलि देने के बाद वे लोग सभा करने पर अड़े रहे, जबकि बहरोड़ के हिन्दू संगठन उन्हें वहां से जाने से रोक रहे हैं। सुरक्षा को लेकर बहरोड़ सहित आसपास के कई थानों का पुलिस जाब्ता तैनात है।
आपको बता दें कि असम से चला कारवां-ए-मोहब्बत गुरुवार को अलवर पहुंचा। यहां हिन्दूवादी संगठनों के विरोध के बीच होटल स्वरूप विलास में कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें पूर्व आईएएस हर्षमंदर ने कहा कि देश में प्रेम व भाईचारे की संस्कृति रही है। सभी शांति-प्रेम चाहते हैं। हम नफरत को मिटाने के लिए वे लोगों के बीच जा रहे हैं। कार्यक्रम में पहलू खां मामले में सीआईडी सीबी के फैसले पर भी नाराजगी जताई गई। वक्ताओं का कहना था कि सीआईडी दवाब में काम कर रही है। इसके निर्णय से हम सहमत नहीं हैं।
कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता जॉन दयाल ने कहा कि देश में ज्यादातर लोग भाईचारे को पसन्द करते हैं। उन्हें एकजुट करने की जरूरत है। इसी को लेकर मोहब्बत का कारवां निकाला गया है। कार्यक्रम में मुम्बई की प्रिया रमाणी ने कहा कि देश में सोशल मीडिया हावी हो रहा है। लोगों तक सही संदेश नहीं पहुंच रहे हैं। सोशल मीडिया पर बिना तथ्यों को जाने सूचनाएं प्रसारित कर दी जाती हैं और लोग उन्हें सच मान लेते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर तथ्यों को जाने-परखे बिना सूचनाएं प्रसारित नहीं करने की अपील की। सम्मेलन में वैज्ञानिक अभिताभ सहित प्रो. जुगमिन्दर तायल, डॉ. जीवन सिंह मानवी, मौलाना अमजद, डॉ. फरवेश, कैप्टन केएल सिरोही, मोहनलाल सिंधी, प्रवेन्द्र शर्मा, दीपक शर्मा आदि ने भी विचार रखे। कार्यक्रम संयोजक नूर मोहम्मद ने बताया कि सम्मेलन में सौहार्द व अमन-चैन का संदेश दिया गया। सम्मेलन में सभी समाज व तबकों के लोग शामिल हुए।
हिन्दू संगठनों ने किया प्रदर्शन


कार्यक्रम के दौरान कुछ हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए। उन्हें पुलिस ने होटल के बाहर ही रोक लिया। यहां उन्होंने नारेबाजी कर कारवां-ए- मोहब्बत यात्रा का विरोध जताया। उनका कहना था कि अलवर सहित पूरे जिले में लोग शांति व भाईचारे से रहते हैं। अलवर शांति व भाईचारे की मिसाल है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह यात्रा अलवर का माहौल खराब करने के उद्देश्य से निकाली जा रही है। बाद में हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता सामने स्थित पार्क में जमा हो गए और सद्बुद्धि यज्ञ किया।
कार्यक्रम स्थल बना छावनी


हिन्दूवादी संगठनों के कारवां-ए- मोहब्बत कार्यक्रम के विरोध की चेतावनी के बाद पुलिस ने कार्यक्रम स्थल व उसके आस-पास के क्षेत्र को छावनी बना दिया। कार्यक्रम स्थल के बाहर कई थानों की पुलिस सहित अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पारस जैन, पुलिस उपाधीक्षक सहित वज्र वाहन व बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।
कार्यक्रम संयोजक नूर मोहम्मद ने बताया कि आसाम से ४ सितम्बर को चली यह यात्रा झारखण्ड, बंगलौर, मेवात होते हुए गुरुवार को अलवर पहुंची। शुक्रवार को यात्रा बहरोड़ पहुंचेगी।

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