ऑपरेशन थियेटर में बीते साल तीन हजार ५० मरीजों के ऑपरेशन हुए थे। हर माह २०० से ३०० ऑपरेशन होते हैं। इस हिसाब से प्रतिदिन १० से १५ ऑपरेशन होते हैं। थियेटर में पांच ऑपरेशन करने के लिए टेबल हैं। प्रत्येक टेबल में कोई न कोई खराबी है। मरीज, डॉक्टर व स्टाफ के पहनने के लिए गाउन की व ऑपरेशन के समय मरीज को कवर करने के की कमी है।
इसी तरह से थियेटर में तीन कोपरी मशीन हैं, इनमें से एक मशीन काम कर रही है। जबकि एनेस्थीसिया की पांच मशीन है, इनमें से भी केवल एक मशीन काम कर रही है। एेसे में ऑपरेशन प्रभावित होते हैं। कई बार मरीजों को ऑपरेशन के दौरान गाउन नहीं पहनाया जाता है व अंत में होने वाले ऑपरेशनों में मरीजों को कम से ढका जाता है। एक मरीज के लिए तीन से चार की जरूरत होती है। इसी तरह से अन्य जरूरी मशीनें खराब होने से ऑपरेशन में खासा समय लगता है।
पल्स देखने के लिए नहीं है मॉनिटर
थियेटर में केवल एक मॉनिटर है। जबकि पांच टेबल के हिसाब से पांच मॉनिटर होने चाहिए। एेसे में मरीज की पल्स पता करने भी दिक्कत आती है। आईसीयू के भी मॉनिटर व वैटिंलेटर खराब पड़े हुए हैं।
थियेटर में केवल एक मॉनिटर है। जबकि पांच टेबल के हिसाब से पांच मॉनिटर होने चाहिए। एेसे में मरीज की पल्स पता करने भी दिक्कत आती है। आईसीयू के भी मॉनिटर व वैटिंलेटर खराब पड़े हुए हैं।
लैप्रोस्कॉपी के ऑपरेशन हुए बंद
थियेटर में लैप्रोस्कॉपी के ऑपरेशन के दो कैमरे हैं। एक कैमरा कई माह से खराब है व दूसरा कैमरा चार दिनों से खराब है। एेसे में लैप्रोस्कॉपी के ऑपरेशन बंद हो गए हैं। पथरी, गालब्लेडर स्टोन, हरनिया, अपैंडिक्स, पेट की गाठ सहित गम्भीर ऑपरेशन होते। इन ऑपरेशन के अलवर के निजी अस्पतालों में २० से ३० हजार, जयपुर में ५० से ६० हजार रुपए व दिल्ली में एक लाख रुपए तक का खर्च आता है। जबकि सामान्य अस्पताल में यह ऑपरेशन पूरी तरह से निशुल्क होते हैं। ऑपरेशन नहीं होने से मरीजों को परेशानी हो रही है।
थियेटर में लैप्रोस्कॉपी के ऑपरेशन के दो कैमरे हैं। एक कैमरा कई माह से खराब है व दूसरा कैमरा चार दिनों से खराब है। एेसे में लैप्रोस्कॉपी के ऑपरेशन बंद हो गए हैं। पथरी, गालब्लेडर स्टोन, हरनिया, अपैंडिक्स, पेट की गाठ सहित गम्भीर ऑपरेशन होते। इन ऑपरेशन के अलवर के निजी अस्पतालों में २० से ३० हजार, जयपुर में ५० से ६० हजार रुपए व दिल्ली में एक लाख रुपए तक का खर्च आता है। जबकि सामान्य अस्पताल में यह ऑपरेशन पूरी तरह से निशुल्क होते हैं। ऑपरेशन नहीं होने से मरीजों को परेशानी हो रही है।
जिन मशीनों की शिकायत मिलती है, उनको तुरंत ठीक कराया जाता है। जो मशीन खराब है, उसकी सूचना ऑन लाइन भी अपडेट की जाती है। स्टाफ अभी हड़ताल पर भी चल रहा है। इसलिए थोड़ी दिक्कत आ रही है। जल्द ही खराब मशीनों को चिह्नित करके ठीक कराया जाएगा।
डॉ. भगवान सहाय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अलवर
डॉ. भगवान सहाय, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, अलवर