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Video : सांसद महंत चांदनाथ को दी समाधि, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत बड़ी संख्या में लोगों ने दी श्रद्धांजलि

locationअलवरPublished: Sep 17, 2017 08:40:42 pm

राजस्थान की मुख्यमंत्री, हरियाणा के सीएम खट्टर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी , भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री यादव सहित बड़ी संख्या में लोग थे।

alwar news,MP Mahanta Chandnath at 5:00 pm the Samadhi at rohtak,MP Mahanta Chandnath Samadhi at rohtak,MP Mahanta Chandnath,Alwar MP Mahanta Chandnath

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बहरोड़. अलवर.

अलवर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद महंत चांदनाथ योगी का लम्बी बीमारी के बाद शनिवार देर रात करीब 12.30 बजे दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। वे 61 वर्ष के थे तथा लम्बे समय से कैंसर से पीडि़त थे। शाम करीब 5 बजे महंत चांदनाथ को रोहतक स्थित अस्थल बोहर मठ में समाधि दी गई।
इस मौके पर राजस्थान की मुख्यमंत्री, हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेन्द्र यादव, अस्थल बोहर मठ के उत्तराधिकारी बालक नाथ, पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह, राजस्थान के श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव, स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ, पूर्व सांसद डॉ. करणसिंह यादव, हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा सहित बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेता, विधायक, नाथ संप्रदाय सहित अन्य सम्प्रदायों के साधु संत व अलवर, बहरोड़ क्षेत्र सहित रोहतक के आसपास के क्षेत्रों के बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
सांसद महंत चांदनाथ की तबीयत पिछले दिनों ज्यादा खराब होने पर उन्हें दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को अचानक तबीयत ज्यादा खराब हो गई। चिकित्सकों के प्रयास के बाद भी उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ।
रोहतक स्थित मठ में श्रद्धांजलि देने उमड़े लोग


महंत चांदनाथ की पार्थिव देह सुबह रोहतक स्थित उनके अस्थल बोहर मठ लाई गई। मठ स्थित गीता भवन में पार्थिव देह को दर्शनाथ रखा गया, जहां सुबह से लोगों का पहुंचना शुरू हो गया। प्रारंभ में आसपास के साधु संत व लोगों ने गीता भवन पहुंचकर पार्थिव देह के दर्शन किए और पुष्पांजलि अर्पित की। दोपहर में राजनीतिक दलों के नेताओं, पदाधिकारियों व समर्थकों ने मठ पहुंचकर महंत चांदनाथ को श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्थिव देह के दर्शन व श्रद्धांजलि देने का क्रम शाम को पालकी रवाना होने तक जारी रहा।
हरियाणा, यूपी व राजस्थान के सीएम भी पहुंचे


दोपहर करीब ३.४५ बजे हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर रोहतक स्थित अस्थल बोहर मठ पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। कुछ देर बाद ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी वहां पहुंचकर महंत चांदनाथ को श्रद्धांजलि दी। बाद में पार्थिव देह की पालकी गीता भवन से समाधि स्थल के लिए रवाना हुई। इसी दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री भी वहां पहुंची। बाद में तीनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने पार्थिव देह पर पुष्पांजलि अर्पित की। शाम करीब ५ बजे मठ परिसर में रीति रिवाज के अनुसार महंत चांदनाथ को समाधि दी गई।
महंत चांदनाथ का निधन अपूरणीय क्षति


राजस्थान, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने सांसद महंत चांदनाथ के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त कर अपूरणीय क्षति बताया। तीनों मुख्यमंत्रियों का कहना था कि महंत चांदनाथ ने जीवन पर्यन्त शिक्षा व चिकित्सा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किए, लोग उन्हें सदैव याद रखेंगे।
आपको बता दें कि बाबा मस्तनाथ मठ अस्थल बोहर के महंत चांदनाथ योगी ने अस्वस्थ होने के चलते ही 29 जुलाई 2017 को रोहतक में अपने उत्तराधिकारी की घोषणा की थी। उन्होंने बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। इस मौके पर बाबा रामदेव और योगी आदित्यनाथ सहित कई राज्यों के महंत मौजूद थे।
श्री श्रेयो नाथ योगी के पुत्र महंत चांदनाथ का जन्म 21 जून 1956 को बेगमपुर, दिल्ली में हुआ था। बाबा ने दिल्ली के हिन्दू कॉलेज से बीए ऑनर्स में शिक्षा हासिल करने के बाद डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। बाबा धार्मिक मिशनरी, शिक्षण, सामाजिक कार्यकर्ता और कृषक थे।
महंत चांदनाथ 18 साल की उम्र में नाथ साधु बने और हठ योग को प्रोत्साहित करते रहे। विद्याम जन सेवानाम के लक्ष्य के साथ 50 से अधिक व्यावसायिक पाठयक्रमों के साथ निजी विश्वविद्यालय की शुरुआत की। उन्होंने हिन्ट्री आफ मठ अस्थल बोहर, बाबा मस्तनाथ चरित, मस्तनाथ चालीसा, गुरु महिमा, भारत का गौरव (पार्ट 1 व 2) और यात्रा के मोती एवं मस्तनाथ वाणी (मासिक पत्रिका) का प्रकाशन किया।
वे शास्त्रीय एवं आचार्य कोर्सेज को उन्नत करने में महती भूमिका निभाते हुए समस्त भाषाओं की जननी की रक्षार्थ सेवारत रहे। उन्होंने भारतीय कला एवं संस्कृति की रक्षार्थ अनेक मंदिरों का निर्माण करवाया। रोहतक हरियाणा और हनुमानगढ़ राजस्थान में चेरिटेबल अस्पताल का संचालन करने के साथ-साथ पांच गोशालाओं का संचालन भी किया। अलवर में भी काली मोरी फाटक स्थित हीरानाथ आश्रम में इनका कार्यालय है।

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