वर्ष 2015 में राजगढ़ की रहने वाली नाबालिग बालिका ने अपना बाल विवाह रूकवाया। इसके लिए बालिका ने चाइल्ड लाइन की मदद ली और पुलिस के पास पहुंच गई। बालिका 12वीं कक्षा की छात्रा थी। उसके परिवार वाले उसकी शादी करना चाहते थे। लेकिन वह आगे पढऩा चाहती थी। शादी रूकवाने के लिए वह घर से भाग गई। आज वह बीए स्नातक की पढ़ाई कर रही है।
अलवर के पास हरसौली की रहने वाली नाबालिग बालिका ने गत 17 फरवरी को होने वाली अपनी शादी को रुकवाया। चार बहनों की शादी एक साथ हो रही थी। बालिका ने अपने परिजनों से विरोध किया। लेकिन परिजन नहीं माने तो बालिका ने 100 नंबर पर फोन करके पुलिस को बुलाया और अपना बाल विवाह रुकवाया। इसके बाद बालिका को बाल कल्याण समिति के माध्यम से अलवर के बाल गृह में रखा गया।
राजगढ़ के पास मल्लाणा की रहने वाली एक युवती की शादी बचपन में हुई थी। अपनी बहन के साथ एक ही घर में शादी करवाई गई। जब लड़की बालिग हुई तो उसने अपनी शादी का विरोध किया। इसके लिए उसने स्वयं पुलिस को फोन किया और कानून की मदद लेकर शादी का विरोध किया।
बानसूर के पास की रहने वाली नाबालिग बालिका के परिजन गरीबी के चलते उसकी शादी अपने से अधिक उम्र के व्यक्ति से करना चाहते थे। बालिका की बड़ी बहन का विवाह भी उसी घर में हुआ था। बालिका ने पुलिस की मदद ली और शादी से इंकार कर दिया।