इसके अलावा पुराना औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले व बालाजी से दिल्ली व दिल्ली से बालाजी की तरफ आने जाने वालों को घूम कर जाना पड़ेगा। काली मोरी रेलवे फाटक को बने डेढ़ साल का समय बीच चुका है। रेलवे नियम के हिसाब से रेलवे फाटक पर ओवर ब्रिज बनने के बाद फाटक को बंद कर दिया जाता है। लेकिन लम्बे समय से यह प्रक्रिया अटकी हुई थी।
नए रेल मंत्री ने इस तरह के सभी रेलवे फाटकों को बंद करने के आदेश दिए हैं। इसके बाद काली मोरी रेलवे फाटक को भी बंद करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। कुछ दिन पहले रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने रेलवे फाटक का निरीक्षण किया था। इसके बाद जिला प्रशासन से फाटक बंद करने की अनुमति मांगी। प्रशासन से फाटक बंद करने की अनुमति मिल चुकी है। अब केवल जयपुर रेलवे मण्डल की डीआरएम के पत्र का इंतजार किया जा रहा है। वो मिलते ही फाटक को बंद कर दिया जाएगा।
ओवर ब्रिज से घूमने में होगी परेशानी
नए ओवर ब्रिज से वाहनों को उतर कर काली मोरी की तरफ आने व काली मोरी से ओवर ब्रिज की तरफ जाने वाले वाहनों को खासी परेशानी होगी। क्योंकि ओवर ब्रिज के शुरूआत में जगह की कमी है। एेसे मंे ट्रोला व बसों को खासी दिक्कत आएगी।
नए ओवर ब्रिज से वाहनों को उतर कर काली मोरी की तरफ आने व काली मोरी से ओवर ब्रिज की तरफ जाने वाले वाहनों को खासी परेशानी होगी। क्योंकि ओवर ब्रिज के शुरूआत में जगह की कमी है। एेसे मंे ट्रोला व बसों को खासी दिक्कत आएगी।
डेढ़ लाख लोग होंगे प्रभावित
बैंक कॉलोनी, फ्रैंडस कॉलोनी, हीरा बास, मोती नगर, जनता कॉलोनी, टाइगर कॉलोनी, शिक्षा नगर, साफिया कॉलोनी, मण्डी मोड, मुंगस्का, नेहरू नगर, पुष्प विहार, वीरा गार्डन, राम नगर, विजय नगर व हनुमान चौराहा सहित आसपास के दर्जनों कॉलोनियों में रहने वाले डेढ़ लाख लोगों को आने जाने में खासी परेशानी होगी।
बैंक कॉलोनी, फ्रैंडस कॉलोनी, हीरा बास, मोती नगर, जनता कॉलोनी, टाइगर कॉलोनी, शिक्षा नगर, साफिया कॉलोनी, मण्डी मोड, मुंगस्का, नेहरू नगर, पुष्प विहार, वीरा गार्डन, राम नगर, विजय नगर व हनुमान चौराहा सहित आसपास के दर्जनों कॉलोनियों में रहने वाले डेढ़ लाख लोगों को आने जाने में खासी परेशानी होगी।
प्रतिदिन गुजरते हैं 36 हजार वाहन
काली मोरी रेलवे फाटक से प्रतिदिन छोटे बड़े करीब ३६ हजार वाहन गुजरते हैं। इसमें बाइक से लेकर बस, ट्रक, ट्रौला सहित सभी तरह के वाहन शामिल हैं। जो मिनटों में फाटक क्रोस करके आते जाते हैं।
काली मोरी रेलवे फाटक से प्रतिदिन छोटे बड़े करीब ३६ हजार वाहन गुजरते हैं। इसमें बाइक से लेकर बस, ट्रक, ट्रौला सहित सभी तरह के वाहन शामिल हैं। जो मिनटों में फाटक क्रोस करके आते जाते हैं।
रेलवे को होगा फायदा
रेलवे फाटक बंद होने से रेलवे को फायदा होगा। इस फाटक पर तीन कर्मचारियों की डयूटी रहती है। इनका वेतन बचेगा। इसके अलावा हर माह वाहनों की टक्कर से फाटक टूट जाता है। उसके मरम्मत कराने व फाटक की देखरेख में लाखों रुपए खर्च होते हैं। उसमें बचत होगी व ट्रेनों का संचालन बेहतर होगा।
रेलवे फाटक बंद होने से रेलवे को फायदा होगा। इस फाटक पर तीन कर्मचारियों की डयूटी रहती है। इनका वेतन बचेगा। इसके अलावा हर माह वाहनों की टक्कर से फाटक टूट जाता है। उसके मरम्मत कराने व फाटक की देखरेख में लाखों रुपए खर्च होते हैं। उसमें बचत होगी व ट्रेनों का संचालन बेहतर होगा।