फोटो बीए०२सीई-
बहरोड़. लॉकडाउन का उल्लघंन करने पर वाहन चालक को मुर्गा बनाते हुए। अस्पताल में आने वाले मरीज व परिजनों के बीच दिख रही सामाजिक दूरी बहरोड़. क्षेत्र में कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही अब लोग भी एक दूसरे के पास खड़ा नहीं होना चाहते है। एक ओर जहां कस्बे में सड़कों पर दिनभर सन्नाटा पसरा रहता है वहीं दूसरी ओर गंावों में भी अब लोग एक दूसरे से मिलने के दौरान सामाजिक दूरी अपना रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने दूर से ही लोगों को राम राम कर हाल चाल पूछा जा रहा है। वहीं बहरोड़ के सबसे बड़े रेफरल अस्पताल में इन दिनों कोरोना वायरस के कारण ओपीडी में कमी देखने को मिली है। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि क्षेत्र में कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही अब अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। अस्पताल में सिर्फ आपातकालीन मरीज ही पहुंच रहे है। इनमे भी अधिकतर मरीज खांसी, जुकाम, एलर्जी से पीडि़त है। अस्पताल आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को सामाजिक दूरी अपनाने का संदेश दिया जा रहा है। ताकि अगर कोई मरीज या उनके परिजन कोरोना वायरस से संक्रमित हो तो अन्य मरीजों में वायरस नहीं फैले।
बहरोड़. लॉकडाउन का उल्लघंन करने पर वाहन चालक को मुर्गा बनाते हुए। अस्पताल में आने वाले मरीज व परिजनों के बीच दिख रही सामाजिक दूरी बहरोड़. क्षेत्र में कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही अब लोग भी एक दूसरे के पास खड़ा नहीं होना चाहते है। एक ओर जहां कस्बे में सड़कों पर दिनभर सन्नाटा पसरा रहता है वहीं दूसरी ओर गंावों में भी अब लोग एक दूसरे से मिलने के दौरान सामाजिक दूरी अपना रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने दूर से ही लोगों को राम राम कर हाल चाल पूछा जा रहा है। वहीं बहरोड़ के सबसे बड़े रेफरल अस्पताल में इन दिनों कोरोना वायरस के कारण ओपीडी में कमी देखने को मिली है। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि क्षेत्र में कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही अब अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। अस्पताल में सिर्फ आपातकालीन मरीज ही पहुंच रहे है। इनमे भी अधिकतर मरीज खांसी, जुकाम, एलर्जी से पीडि़त है। अस्पताल आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को सामाजिक दूरी अपनाने का संदेश दिया जा रहा है। ताकि अगर कोई मरीज या उनके परिजन कोरोना वायरस से संक्रमित हो तो अन्य मरीजों में वायरस नहीं फैले।