पत्रिका से विशेष बातचीत में इमरान खान का कहना है कि भारतीय युवा आईटी के क्षेत्र में पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते हैं। सभी विकसित देशों अमेरिका की नामी आईटी कम्पनियों में भारतीय युवा महत्वपूर्ण पदों पर हैं। यही नहीं भारत में रहकर विदेशी कम्पनियों के लिए यहां के युवा एप व साफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं जिसमें मोहर व नाम उस देश का हो जाता है। अब चीन के यह एप भारत सरकार ने प्रतिबंध लगाकर बेहतर काम किया है जिससे बेहतर विकल्प हम 24 घंटे के अंदर तैयार कर सकते हैं। इसके लिए भारतीयों को ऐसे एप का स्वागत व इन्हें प्राथमिकता देनी होगी जिससे हम स्वदेशी की ओर बढ़ सके।
हमें यह करना चाहिए- एप गुरु कहते हैं कि भारत में प्रतिबंधित 59 चाईनीज एप प्ले स्टोर या एप स्टोर में प्रदर्शित नहीं होंगे। साथ ही ये एप फोन पर काम करना बंद कर देंगे। ऐसे में अब हमें इन्हें अनइंस्टॉल करने चाहिए। किसी भी एप को इंस्टाल करते समय उसके रिव्यूज जरूर पढऩे चाहिए। साथ ही इस समय पूछी जाने वाली अनुमति को सावधानी से देखना चाहिए। इसमें लोकेशन, कांटटेक्ट्स, कैमरा, माइक्रोफोन जैसे की परमिशन नहीं देनी चाहिए।
यह होगा फायदा-
इससे हमारे देश व आम लोगों से जुड़ गोपनीयता बनी रहेगी। इसी प्रकार देश के युवाओं को नए रोजगार सृजन का मौका मिलेगा। इससे इस क्षेत्र में भारत की धाक विश्व में जम सकती है। भारत के युवा अपने लिए ही नहीं अन्य देशों के लिए भी एप आसानी से बना सकेंगे।
इमरान ने बनाया मारिशस सरकार के लिए एप- शिक्षा के क्षेत्र में नि: शुल्क एप बनाने वाले इमरान खान ने हाल ही में मारिशस के लिए एप बनाया है। यह एप वहां के विद्यार्थियों के लिए ई-कंटेट उपलब्ध कराता है। ई- कंटेट को मारिशस के शिक्षा विभाग के स्कूली पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है।
उल्लेखनीय है कि भारत व मॉरिशस सरकार के मध्य शिक्षा के क्षेत्र में परस्पर सहयोग का समझौता है। शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की ओर से आईसीटी क्षेत्र में सहयोग दिया जा रहा है। एनसीईआरटी की ओर से कोरोना लॉक डाउन के दौरान मॉरिशस के लिए एप बनाने का प्रस्ताव दिया जिसे इन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। इसे मात्र दो सप्ताह में तैयार कर मारिशस सरकार को सौंप दिया है। इस एप में कक्षा 1 से 12 वीं तक के विद्यार्थियों के लिए विषयानुसार , टॉपिक वाइज विभिन्न प्रारूप (वीडियो, ऑडियो, पीडीएफ, क्विज, संदर्भ ई-कंटेट ) में उपलब्ध हैं। इस एप को मारिशस के प्रधानमंत्री लांच करेंगे।