श्रम मंत्री यादव ने आहूजा को मानसिक तौर पर बताया था विकृत
अलवर लोकसभा उपचुनाव के बाद रामगढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा का ऑडियो वायरल होने के बाद जिले में उठे सियासी बवाल के बीच श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव ने उन्हें मानसिक तौर पर विकृत बताया था। अलवर में भाजपा की हार के बाद लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. जसवंत यादव व विधायक आहूजा आमने-सामने आ गए। दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। इसमें श्रम मंत्री यादव ने आहूजा को मानसिक तौर पर विकृत बताया तो आहूजा ने डॉ. यादव को बेशर्म कह दिया था।
अलवर लोकसभा उपचुनाव के बाद रामगढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा का ऑडियो वायरल होने के बाद जिले में उठे सियासी बवाल के बीच श्रम मंत्री डॉ. जसवंत यादव ने उन्हें मानसिक तौर पर विकृत बताया था। अलवर में भाजपा की हार के बाद लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. जसवंत यादव व विधायक आहूजा आमने-सामने आ गए। दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। इसमें श्रम मंत्री यादव ने आहूजा को मानसिक तौर पर विकृत बताया तो आहूजा ने डॉ. यादव को बेशर्म कह दिया था।
यू चले व्यंग्यबाण ज्ञानदेव आहूजा : अलवर में न्यूरो सर्जन इसलिए जरूरी है कि वहां विक्षिप्त कुछ ज्यादा हैं।
राजेन्द्र राठौड़ : किसी विशेष गणना के तहत अलवर में विक्षिप्तों की संख्या ज्यादा होने का जिक्र किया है, क्या ये उस कमेटी के सदस्य थे? आपने गणना कब की, यह पूरे जिले का अपमान है।
गोविन्द सिंह डोटासरा : ये पूरे अलवर जिले को विक्षिप्त बता रहे हैं, आपको हरा दिया इसलिए जनता कोई विक्षिप्त थोड़े ही हो गई।
ज्ञानदेव आहूजा : संसदीय मंत्री आप मेरे प्रश्नों पर हस्तक्षेप नहीं करें। यह जिले का अपमान नहीं, जो वस्तुस्थिति है वही बता रहा हूं।
राजेन्द्र राठौड़ : यह विक्षिप्तों का सरदार कौन है?
ज्ञानदेव आहूजा : आप बार-बार क्यों दोहरा रहे हैं इस बात को?
राजेन्द्र राठौड़ : न्यूरो सर्जन भेजा काटने वाले होते हैं, मतलब सर्जरी करने वाले। लेकिन ये विक्षिप्तों की बात कर रहे हैं, इसमें ज्यादा जानकारी सांगानेर से आने वाले सदस्य दे सकते हैं।
घनश्याम तिवाड़ी : इसीलिए तो विक्षिप्त ज्यादा हैं। न्यूरो सर्जन ही विक्षिप्तों के लिए जरूरी है।
ज्ञानदेव आहूजा : जिनका काम उन्हीं को साजे। आप चिकित्सा मंत्री को जबाव देने दें।
कालीचरण सराफ : विक्षिप्तों की बात की जा रही है लेकिन विक्षिप्तों के लिए न्यूरो सर्जन की क्या आवश्यकता है?
राजेन्द्र राठौड़ : किसी विशेष गणना के तहत अलवर में विक्षिप्तों की संख्या ज्यादा होने का जिक्र किया है, क्या ये उस कमेटी के सदस्य थे? आपने गणना कब की, यह पूरे जिले का अपमान है।
गोविन्द सिंह डोटासरा : ये पूरे अलवर जिले को विक्षिप्त बता रहे हैं, आपको हरा दिया इसलिए जनता कोई विक्षिप्त थोड़े ही हो गई।
ज्ञानदेव आहूजा : संसदीय मंत्री आप मेरे प्रश्नों पर हस्तक्षेप नहीं करें। यह जिले का अपमान नहीं, जो वस्तुस्थिति है वही बता रहा हूं।
राजेन्द्र राठौड़ : यह विक्षिप्तों का सरदार कौन है?
ज्ञानदेव आहूजा : आप बार-बार क्यों दोहरा रहे हैं इस बात को?
राजेन्द्र राठौड़ : न्यूरो सर्जन भेजा काटने वाले होते हैं, मतलब सर्जरी करने वाले। लेकिन ये विक्षिप्तों की बात कर रहे हैं, इसमें ज्यादा जानकारी सांगानेर से आने वाले सदस्य दे सकते हैं।
घनश्याम तिवाड़ी : इसीलिए तो विक्षिप्त ज्यादा हैं। न्यूरो सर्जन ही विक्षिप्तों के लिए जरूरी है।
ज्ञानदेव आहूजा : जिनका काम उन्हीं को साजे। आप चिकित्सा मंत्री को जबाव देने दें।
कालीचरण सराफ : विक्षिप्तों की बात की जा रही है लेकिन विक्षिप्तों के लिए न्यूरो सर्जन की क्या आवश्यकता है?