scriptअलवर जिले में हर साल कट रहे 10 हजार से ज्यादा पेड़, वन क्षेत्र में आई इतनी कमी, जानिए आप भी | World Environment Day: More Than Ten Thousand Trees Cutting In Alwar | Patrika News

अलवर जिले में हर साल कट रहे 10 हजार से ज्यादा पेड़, वन क्षेत्र में आई इतनी कमी, जानिए आप भी

locationअलवरPublished: Jun 05, 2020 05:53:27 pm

Submitted by:

Lubhavan

World Environment Day: अलवर जिले में हर साल हजारों पेड़ अवैध तरीके से काटे जा रहे हैं, इस कारण वन क्षेत्र के क्षेत्रफल में भी कमी आई है

World Environment Day: More Than Ten Thousand Trees Cutting In Alwar

अलवर जिले में हर साल कट रहे 10 हजार से ज्यादा पेड़, वन क्षेत्र में आई इतनी कमी, जानिए आप भी

अलवर. जिले में विकास के नाम पर हर साल हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं। पिछले करीब डेढ़ साल में विकास कार्यों के नाम पर 10 हजार से ज्यादा हरे पेड़ों पर आरी चलने का खतरा मंडराया है। इनमें अलवर- रामगढ़ चौड़ाई कार्य के लिए 3 हजार से ज्यादा, करीब 5279 हरे पेड़ स्टेट हाइवे माजरी से हरियाणा, राजस्थान सीमा तथा माजरी से नीमराणा हाइवे प्रोजेक्ट में शामिल हैं।
इसके आलावा गत वर्ष प्रदेश से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई औद्योगिक हाइवे निर्माता कम्पनी ने बगैर अनुमति के राजगढ़-रैणी मार्ग पर हजारों पेड़ काट दिए। वहां पूर्व में नीम, पीपल और बबूल के हजारों पेड़ थे, पेड़ कटने से पहले जहां जंगल नजर आता था, वहां अब समतल मैदान दिखाई पड़ता है इसके आलावा जिले में सैकड़ों आरा मशीनें जिले के सघन वनों कर रही हैं। विकास के नाम पर हरे पेड़ तो काटे गए, लेकिन इनके बदले कहीं भी पेड़ नहीं लगाए गए।
एक नजर में जिले का वन क्षेत्र-

– कुल वन क्षेत्र- 1784.14 वर्ग किलोमीटर

– आरक्षित वन क्षेत्र- 1006.06 वर्ग किलोमीटर

– संरक्षित वन क्षेत्र- 636.83 वर्ग किलोमीटर

– अवर्गीकृत वन क्षेत्र- 141.25 वर्ग किलोमीटर
-पिछले दो सालों में वन क्षेत्र में 0.34 प्रतिशत की कमी आई है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो