इसके आलावा गत वर्ष प्रदेश से गुजरने वाले दिल्ली-मुंबई औद्योगिक हाइवे निर्माता कम्पनी ने बगैर अनुमति के राजगढ़-रैणी मार्ग पर हजारों पेड़ काट दिए। वहां पूर्व में नीम, पीपल और बबूल के हजारों पेड़ थे, पेड़ कटने से पहले जहां जंगल नजर आता था, वहां अब समतल मैदान दिखाई पड़ता है इसके आलावा जिले में सैकड़ों आरा मशीनें जिले के सघन वनों कर रही हैं। विकास के नाम पर हरे पेड़ तो काटे गए, लेकिन इनके बदले कहीं भी पेड़ नहीं लगाए गए।
एक नजर में जिले का वन क्षेत्र- – कुल वन क्षेत्र- 1784.14 वर्ग किलोमीटर – आरक्षित वन क्षेत्र- 1006.06 वर्ग किलोमीटर – संरक्षित वन क्षेत्र- 636.83 वर्ग किलोमीटर – अवर्गीकृत वन क्षेत्र- 141.25 वर्ग किलोमीटर
-पिछले दो सालों में वन क्षेत्र में 0.34 प्रतिशत की कमी आई है।