अलवर

विश्व जनसंख्या दिवस: अलवर जिले की लगातार बढ़ रही जनसंख्या, संसाधन घट रहे, जयपुर के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी

अलवर जिले की जनसंख्या जयपुर के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा है, जिला डार्क जोन में है, लेकिन जनसंख्या लगातार बढ़ रही है

अलवरJul 11, 2020 / 04:22 pm

Lubhavan

विश्व जनसंख्या दिवस: अलवर जिले की लगातार बढ़ रही जनसंख्या, संसाधन घट रहे, जयपुर के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी,विश्व जनसंख्या दिवस: अलवर जिले की लगातार बढ़ रही जनसंख्या, संसाधन घट रहे, जयपुर के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी,विश्व जनसंख्या दिवस: अलवर जिले की लगातार बढ़ रही जनसंख्या, संसाधन घट रहे, जयपुर के बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा आबादी

अलवर. World Population day 2020 : विश्व जनसंख्या दिवस ( world population day ) पर अलवर जिले की अनियंत्रित जनसंख्या पर अंकुश लगाने की जरूरत है। अलवर की जनसंख्या ( alwar population ) तेजी से बढ़ रही है। वहीं दूसरी ओर जिले में संसाधन कम हो रहे हैं। अलवर में पानी के लिए मारामारी तेजी से बढ़ रही है। अलवर जिला डार्क जोन में पहुंच चुका है। ऐसे में अगर बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश नहीं लगाया तो आगे हालात और भी भयानक होंगे। आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 1931 में अलवर की पूर्व रियासत की आबादी 7 लाख 70 हजार 215 थी, इसमें पुरुष 4 लाख दो हजार 274 व महिला 3 लाख 62 हजार 991 थी। वहीं 1941 में 845391 पहुंच गई। एक दशक में जनसंख्या में 75176 की वृद्धि हुई।
वर्ष 1951 में जिले की आबादी 861993 हो गई। इसमें पुरुष 454557 व महिला 407436 थी। वर्ष 1941 से 51 के बीच जनसंख्या की वृद्धि 16602 रही। यह वृद्धि 1.96 प्रतिशत दर्ज की गई। वहीं 1961 में 1090026, वर्ष 1971 में 1391162 वर्ष 1981 में 1771175 वर्ष 1991 में 2296580 वर्ष 2001 में 2992592 वर्ष 2011 में 3674179 दर्ज की गई।
भारत विभाजन के नतीजतन जनसंख्या बदलाव विशेष रूप से हुआ। अलवर से बहुत से मुसलमान और मेव पाकिस्तान गए तथा पाकिस्तान से पंजाबी, सिख, सिंधी एवं व्यापारी पुरुषार्थी समाज के लोग अलवर आए। दिल्ली के नजदीक होने के कारण अलवर जिला पुरुषार्थी को खूब भाया। इसी कारण अलवर, भरतपुर कस्टोडियन विभाग बनाया गया। जनसंख्या वृद्धि 1961-71,1971-81, 1981-91 व 1991-2001 तक 26.49, 27.63, 26.17 व 29.66 प्रतिशत जनसंख्या वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2001 से 11 के बीच जनसंख्या वृद्धि 22.17 प्रतिशत रही। अब 2011 से 2019 तक जनसंख्या के आधिकारिक आंकड़े नहीं आए हैं, लेकिन संभवत. इतने सालों में जिले के आबादी 40 लाख से पार पहुंच गई है।
मेवात में तेजी से बढ़ रही जनसंख्या अलवर शहर में जनसंख्या वृद्धि अधिक नहीं है, लेकिन मेवात में जनसंख्या का तेजी से बढऩा चिंता का कारण है।हरियाणा की सीमा से लगने वाले मेवात क्षेत्र में जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।
इसके साथ ही भिवाड़ी, टपूकड़ा आदि क्षेत्रों मे औधोगिक विकास से लोग यहां आकर बस रहे हैं। ऐसे में यहां संसाधन तेजी से घटते जा रहे हैं। अगर जल्दी ही बढ़ती जनसंख्या पर अंकुश नहीं लगाया तो आगे हालात और भी भयानक होंगे।

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