विधानसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक करण दलाल ने प्रदेश में 25 लाख राशन कार्ड रद्द किए जाने के मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लगाया। इस पर चर्चा के दौरान डिप्टी स्पीकर संतोष यादव सदन की कार्यवाही का संचालन कर रही थीं।
चर्चा के दौरान दलाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि गरीबों को उनके हक का राशन नहीं मिल रहा है। इस वजह से देशभर के राज्यों में हरियाणा सबसे ‘कलंकित’ प्रदेश हो गया है। दलाल के इसी ‘कलंकित’ शब्द को सत्तारूढ़ भाजपा ने प्रदेश के आत्म-सम्मान से जोड़ दिया। इस मुद्दे पर इनेलो व कांग्रेस विधायकों में जमकर कहासुनी हुई। डिप्टी स्पीकर की बार-बार की चेतावनी के बाद भी जब सरकार के मंत्री और कांग्रेसी शांत नहीं हुए, तो उन्होंने कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया।
दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो स्पीकर कंवरपाल गुर्जर ने कार्यवाही को संभाला। इसी दौरान विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला ने सरकार को दलाल के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव लाने की सिफारिश की। इसके बाद अभय अपनी सीट पर बैठ गए और वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने प्रस्ताव लाने की तैयारी शुरू कर दी।
इसी दौरान सीट पर बैठे-बैठे ही चौटाला व दलाल के बीच बहस चलती रही। दोनों विधायकों में करीब दस मिनट तक बहस चलती रही। यह विवाद गहराता गया और आखिर में अभय और दलाल ने जूते निकाल लिए, और एक-दूसरे को गालियां निकालते हुए मारने का प्रयास भी किया।
कांग्रेस की ओर से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, आनंद सिंह दांगी, जगबीर मलिक, कुलदीप शर्मा सहित कई विधायक बीच-बचाव करते दिखे। वहीं इनेलो की ओर से परमिंद्र सिंह ढुल, रणबीर सिंह गंगवा, जगबीर सिंह फौगाट सहित अधिकांश विधायक भी बीच-बचाव को मैदान में आ गए। स्पीकर का इशारा पाते ही मार्शलों ने सदन में प्रवेश किया और दोनों नेताओं के बीच ढाल बनकर खड़े हो गए। इसके बावजूद दोनों नेता एक-दूसरे को मारने के लिए आगे बढ़ते रहे और गंदी गालियां निकालते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते रहे।
तनावपूर्ण माहौल के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। बाद में सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने दलाल के दुव्र्यवहार और गलत रवैये के लिए उन्हें आगामी एक वर्ष के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इसे भाजपा व इनेलो विधायकों ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।