अंबाला

हरियाणा में कांग्रेस को गठबंधन की जरूरत नहीं-हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को यहां कहा कि हरियाणा में कांग्रेस को किसी अन्य दल से गठबंधन करने की जरूरत नहीं है।

अंबालाJun 12, 2018 / 05:39 pm

Shailesh pandey

bhupendra singh hudda file photo

राजेन्‍द्र सिंह जादौन की रिपोर्ट….

(हरियाणा): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने मंगलवार को यहां कहा कि हरियाणा में कांग्रेस को किसी अन्य दल से गठबंधन करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है। उन्होंने कहा कि बसपा के साथ कांग्रेस के राजस्थान और मध्यप्रदेश में गठबंधन के बारे में अभी बातचीत चल रही है। यहां अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2014 में नियमन नीति के तहत जिन कर्मचारियों को नियमन किया था वह हाल में हाईकोर्ट ने अपने फैसले में रद्द कर दिया था। अब राज्य सरकार को उनका नियमन बहाल करने के लिए अध्यादेश लाना चाहिए।

 

किसानों के कर्ज माफ करेंगे

 

देश के किसानों के आंदोलन पर हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पहले
भी कर्ज माफ किए थे और अब भी अखिल भारतीय कांग्रेस ने सत्ता में आने पर किसानों के कर्ज माफ करने का प्रस्ताव पारित किया है। हुड्डा ने कहा कि सत्ता में आते ही सामाजिक सुरक्षा पेंशन एकदम बढाकर तीन हजार रूपए की जाएगी। इसी तरह डीजल और पेट्रोल के दाम नियंत्रण में रखने के लिए इन्हें जीएसटी में लाया जाएगा। हुड्डा ने कहा कि केन्द्र में कांग्रेस की सरकार के दौरान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए जो मुख्यमंत्रियों का कार्यदल बनाया गया था उसके अध्यक्ष वे स्वयं थे और इस कार्यदल ने सी-2 फार्मूले पर समर्थन मूल्य देने की सिफारिश की थी। इसी तरह किसानों को चार फीसदी ब्याज दर पर कर्ज देने
की भी सिफारिश की थी।

 

भाजपा सरकार दे जवाब

 

हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की मौजूदा भाजपा सरकार से उनके कुछ सवाल है। यह सरकार बताए कि अब तक के अपने कार्यकाल में यह कौनसा नया प्रोजेक्ट लेकर आई। साथ ही यह भी बताए कि जब कोई प्रोजेक्ट नहीं लाई तो वर्ष 2014-15 में उनकी सरकार द्वारा छोडा गया मात्र 60 हजार करोड का कर्ज बढकर 1 लाख 60 हजार करोड पर कैसे पहुंच गया। उन्होंने कहा कि हाल में किसानों को सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद के टोकन तो दे दिए गए लेकिन खरीद नहीं की गई। गन्ना किसानों का बकाया 747 करोड रूपए तक पहुंच गया है। फर्टिलाइजर और पेट्रोल-डीजल पर बढाचढाकर वैट लगाकर किसानों के संकट को बढाया ही गया है।

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