हरियाणा में कांग्रेस के एक से अधिक नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश किए जाने के सवाल पर डाॅ तंवर ने कहा कि पार्टी आला कमान मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा पेश नहीं करेगा लेकिन भावी मुख्यमंत्री अपने संघर्ष से स्वतः उभर कर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी चाहते हैं कि एक प्रदेश में एक से अधिक मजबूत नेता दिखाई दें। कुछ ही समय पहले अपनी ओर से पार्टी के हित में पार्टी के ही नेता के साथ मतभेद भुला देने के सवाल पर कि क्या मतभेद भुला दिए गए हैं तंवर ने कहा कि जिसे मुझ से दिक्कत हो वह बातचीत की पहल करे। अलबत्ता मुझे किसी से दिक्कत नहीं है। दिल्ली में राहुल गांधी की रैली के दौरान अपने पर किए गए हमले को लेकर डाॅ तंवर ने कहा कि इस मामले में पार्टी ने दोषी के खिलाफ कार्रवाई कर दी है। हमले में लिप्त लोगों में से वे एक पुलिस कर्मचारी को जानते है। हरियाणा सरकार को उस कर्मचारी पर कार्रवाई करनी चाहिए। हमले में लिप्त अन्य लोगों के सवाल पर तंवर ने कहा कि सरकार जांच कर बतायेगी तो वे ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर कर देंगे। लेकिन मुझ पर हमला किए जाने की घटना से उन्हें पता चला कि किस तरह डाॅक्टर और पुलिस के बीच अपवित्र गठबंधन है।
तंवर ने कहा कि वर्ष 2014 में केन्द्र और हरियाणा में भाजपा के नेंतृत्व में सरकार बनने के पीछे कारण यह रहा कि एनडीए ने उस समय बडे वायदे किए थे। इसके अलावा कांग्रेस के विरोध में माहौल बना हुआ था। लेकिन स्थिति उलट गई है। अब देशभर में एनडीए के विरोध में माहौल है। उन्होंने कहा कि एनडीए ने अपने चुनावी वायदे भुला दिए। एनडीए और भाजपा के खिलाफ कांग्रेस चुनाव के लिए तैयार है। हरियाणा में जब से भाजपा सरकार बनी है तभी से कांग्रेस सडकों पर है। हरियाणा में कांग्रेस एकतरफा जीत हासिल करेगी। लोकसभा की सभी दस सीटें कांग्रेस को मिलेंगी। कांग्रेस बडे बहुमत से वापसी करेगी। एनडीए के सत्ता में आने के बाद कई नकारात्मक काम शुरू हुए। देश में असहिष्णुता का माहौल बना है। हरियाणा में दिखावे के एमओयू तो उद्यमियों से किए गए लेकिन धरातल पर कोई निवेश नहीं आया। नौकरी बांटने की बात करने वाले ताश बांटने की बात कर रहे है। हरियाणा में देश में नम्बर एक होने की संभावना है लेकिन इसके लिए कुशल नेतृत्व की जरूरत है। देश में माॅब लिंचिंग की घटनाओं के कारण देश की आर्थिक वृद्धि दर घटी है। सरकार के आर्थिक सलाहकार की ओर से यह बात कही गई है। पिछडा वर्ग और दलित आरक्षण पर यह सरकार खरी साबित नहीं हुई। क्रीमी लेयर पर हरियाणा सरकार का रूख गलत है। पहली और दूसरी श्रेणी की सरकारी सेवाओं में अनुसूचित जाति व जनजाति की आनुपातिक आरक्षण सही नहीं है।
क्या अनुसूचित जाति-जनजाति व पिछडा वर्ग के लोग सिर्फ चतुर्थ श्रेणी सेवाओं के ही हकदार है। हरियाणा में सरकारी नौकरियों में पिछडा वर्ग का पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। कांग्रेस सही प्रतिनिधित्व दिलाएगी।