प्रदेश में विदेशियों की सबसे अहम शरण स्थली साइबर सिटी गुरुग्राम बना हुआ है। दूसरे नंबर पर फरीदाबाद तथा सोनीपत आते हैं। एनसीआरबी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि हरियाणा में वर्ष 2016 के दौरान जहां विदेशी नागरिक 16 अपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए गए वहीं 2017 में इनकी संख्या बढक़र 41 तक पहुंच गई।
वर्ष 2017 में हरियाणा सरकार द्वारा गुरुग्राम में विदेशी नागरिकों की शिनाख्त का अभियान चलाया गया और नार्थ ईस्ट के लोगों ने पुलिस का अलग से हेल्प डैस्क भी स्थापित किए। जिसके चलते वर्ष 2018 में एनसीआर क्षेत्र में विदेशी नागरिकों द्वारा किए गए अपराधों में कुछ कमी आई और आंकड़ा कम होकर 35 पर पहुंच गया। इस रिपोर्ट के अनुसार उपरोक्त अवधि के दौरान गिरफ्तार किए गए विदेशी नागरिकों में सर्वाधिक 12 को विदेशी अधिनियम 1946 के तहत गिरफ्तार किया गया।
उक्त विदेशी नागरिक पुलिस को अपना कोई भी भारतीय दस्तावेज नहीं दे पाए और विदेश के मूल निवासी होने के लिए पुलिस द्वारा करवाई गई वैरीफिकेशन के भी संतुष्टीजनक जवाब नहीं आए। रिपोर्ट में यह साफ है कि विदेशों में रहने वाले नागरिक जब भारत की तरफ रूख करते हैं तो हरियाणा का गुरुग्राम व फरीदाबाद आदि क्षेत्र वह अपने लिए बेहद सेफ मानते हैं।
हरियाणा में विदेशी नागरिकों की दूसरे बड़े अपराध नशा तस्करी में लिप्तता मिली है। पुलिस ने इस अवधि के दौरान छह विदेशी नागरिकों को नशे के कारोबार में लिप्त पाया है। जिनमें मुख्य रूप से नाईजीरियन तथा अमेरिकन मूल के लोग शामिल मिले हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार विदेशी नागरिकों द्वारा हरियाणा में रहकर तीसरे श्रेणी के जिस अपराध को अंजाम दिया गया है उसमें साइबर क्राइम तथा चोरी व झपटमारी की घटनाएं शामिल हैं।
विदेशियों के साथ होती है झपटमारी व छेड़छाड़
हरियाणा में विदेशी नागरिकों द्वारा जहां अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया गया है वहीं विदेशों से हरियाणा में आने वाले नागरिकों के साथ भी अपराधिक घटनाएं होती रही है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में आठ, 17 में 10 तथा 18 में 08 विदेशी नागरिकों के साथ अपराधिक घटनाएं हुई हैं। जिनमें ज्यादातर छेड़छाड़ व झपटमारी की घटनाएं शामिल हैं।