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हरियाणा कांग्रेस को खंगालने में जुटे आजाद,लोकसभा-विधानसभा चुनाव के लिए हो रहा मंथन,विधायकों से पूछे जा रहे यह सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देशों पर पहली बार किसी प्रभारी द्वारा रणनीतिक तरीके से हरियाणा में काम किया जा रहा है…

अंबालाFeb 12, 2019 / 07:22 pm

Prateek

azad file photo

(चंडीगढ़,अंबाला): हरियाणा में जिन मुद्दों पर पूर्व कांग्रेस प्रभारियों को फजीहत का सामना करना पड़ा उन्हीं से सीख लेकर नवनियुक्त हरियाणा कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद राज्य में आने से पहले होमवर्क कर रहे हैं। आजाद ने हरियाणा आने की तैयारियों के साथ ही कांग्रेस को खंगालना भी शुरू कर दिया है। जिसके चलते वह पार्टी के मौजूदा विधायकों से एक-एक करके मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि आजाद से अब तक मुलाकात करने वालों में ज्यादातर हुड्डा खेमे के ही विधायक हैं। इसके बावजूद वह सभी से मिलकर एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं।


सोमवार से आज़ाद ने अपनी इस मुहिम की शुरुआत की। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कांग्रेस के कुल सत्रह विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला, सीएलपी लीडर किरण चौधरी और आदमपुर विधायक कुलदीप बिश्नोई भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि गुलाम नबी ने इन सभी नेताओं से मुलाकात की है।


दूसरी तरफ अशोक तंवर हरियाणा कांग्रेस के ऐसे अध्यक्ष हैं, जिनके कार्यकाल को पांच साल पूरे होने जा रहे हैं और वह आजतक जिला व ब्लॉक कांग्रेस कार्यकारिणी का गठन नहीं कर सके हैं। जिसका मुख्य कारण पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ उनका छत्तीस का आंकड़ा है। तंवर के खिलाफ हुड्डा खेमा दिल्ली दरबार में लगातार लाबिंग कर रहा है। हरियाणा प्रभारी से मुलाकात के दौरान भी हुड्डा समर्थित विधायकों ने तंवर के खिलाफ माहौल बनाया। माना जा रहा है कि एमएलए की मुलाकात भी इसी कड़ी में हुई है।

 

गुलाम नबी आजाद से पहले हरियाणा प्रभारी नियुक्त किए गए कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता प्रदेश में चल रही गुटबाजी के कारण यहां ज्यादा समय नहीं चल पाए। अतीत की घटनाक्रम से सबक लेते हुए आजाद पूरी रणनीति के तहत हरियाणा में अपने कदम आगे बढ़ा रहे हैं। विधायकों के साथ हो रही इस बैठक में आजाद उनसे लोकसभा के संभावित एवं जिताऊ प्रत्याशियों के बारे में बात करने के अलावा उनसे आगामी चुनाव लडऩे के बारे में पूछा जा रहा है। इसके अलावा प्रत्येक विधायक से कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह और हरियाणा के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा
की जा रही है।


कांग्रेस प्रभारी गुलाम नबी आजाद द्वारा विधायकों के साथ बैठकों का आयोजन करने के बाद दूसरे चरण में पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और वर्ष 2014 में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडक़र हारने वाले प्रत्याशियों से मुलाकात की जाएगी। जो प्रत्याशी पिछले चुनाव में हार गए थे उनसे हार के कारणों पर चर्चा करते हुए हार के अंतर पर भी बातचीत की जाएगी। इसके बाद उक्त प्रत्याशियों के बारे में ग्रांउड से रिपोर्ट ली जाएगी।

 

विधायकों से पूछे जा रहे यह सवाल


हरियाणा में जल्द होगा संगठन का विस्तार

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्देशों पर पहली बार किसी प्रभारी द्वारा रणनीतिक तरीके से हरियाणा में काम किया जा रहा है। जिससे यह साफ संकेत है कि अब हरियाणा में कांग्रेस का संगठनात्मक विस्तार भी जल्द हो सकता है। हरियाणा में अशोक तंवर पहले ऐसे नेता हैं जो आपसी खींचतान के चलते आज तक जिला व ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन नहीं कर सके हैं। अब गुलाम नबी आजाद द्वारा निजी दिलचस्पी लेकर सक्रियता बढ़ाने के बाद यह साफ हो गया है कि हरियाणा में अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान भले ही न समाप्त हो लेकिन चार साल से अटका संगठन का विस्तार जल्द होगा।

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