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हरियाणा: बढ़ रही अपराधिक घटनाओं को लेकर विधानसभा में हंगामा

locationअंबालाPublished: Mar 02, 2020 07:22:29 pm

Submitted by:

Prateek

Haryana News: विज (Anil Vij) ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्ग के लोगों के खिलाफ हुए अपराध के मामलों का रिकार्ड (Haryana Police) डीजीपी से तलब (Haryana Assembly) किया गया है…

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हरियाणा: बढ़ रही अपराधिक घटनाओं पर विधानसभा में हंगामा

(चंडीगढ़,अंबाला): हरियाणा में बढ़ रहे अपराधों के मुद्दे पर सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी विधायकों ने पूरी एकजुटता के साथ सरकार को इस मुद्दे पर घेरा। विधायकों अपराधिक घटनाओं के साथ-साथ अदालतों में सजा नहीं मिलने का मुद्दा भी सदन में उठाया। विपक्षी विधायकों का आरोप था कि सरकारी वकीलों तथा पुलिस द्वारा मजबूती के साथ पैरवी नहीं किए जाने पर आरोपी बच निकलते हैं। अपराध बढऩे का बड़ा कारण यह भी है।


कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, आफताब अहमद, चिरंजीव राव और जगबीर सिंह मलिक तथा जननायक जनता पार्टी के डॉ.ईश्वर सिंह ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि प्रदेश में रोजाना 5 महिलाओं के साथ रेप हो रहा है। रोजाना 67 घरों में चोरी होती है और हर दूसरे दिन एक गैंगरेप प्रदेश में होता है।


रेवाड़ी से कांग्रेस विधायक चिरंजीव राव ने निर्भया फंड का मुद्दा उठाते हुए कहा कि हरियाणा को केंद्र द्वारा 16 करोड़ 70 लाख रुपए दिए। सरकार इतनी लापरवाह है कि इसमें से केवल 6 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए। नूंह विधायक आफताब अहमद ने कहा कि गैंगरेप और रेप के मामलों में सरकार को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए। केस दर्ज होने के बाद उसकी जांच करके जल्द पुलिस को कोर्ट में चालान पेश करना चाहिए। पुलिस को चाहिए कि वह मजबूती से कोर्ट में केस की पैरवी करे ताकि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिल सके।


जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने मानव तस्करी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पुलिस द्वारा चालान पेश करने के बाद महज 13 प्रतिशत मामलों में ही कोर्ट में आरोपियों को दोषी सिद्ध करके उन्हें सजा दिलवाई जा सकती है। 87 प्रतिशत आरोपी तो पुलिस की कमजोर जांच और सरकारी वकीलों द्वारा सही से पैरवी नहीं करने की वजह से बरी हो गए। प्रदेश में लोगों के मिसिंग होने के केस बढ़ रहे हैं। इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।


इन सवालों के जवाब पर विज ने कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्ग के लोगों के खिलाफ हुए अपराध के मामलों का रिकार्ड डीजीपी से तलब किया गया है। यही नहीं, इन सभी मामलों में की गई जांच, पुलिस द्वारा कोर्ट में पेश किए गए चालान और सरकारी वकीलों द्वारा दी गई दलीलों की भी स्टडी करने को कहा गया है। पुलिस जांच में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की सूची बनेगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी इस संदर्भ में निर्देश दिए हुए हैं।


गृह मंत्री ने स्पष्ट कहा कि आईओ (इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर) ही नहीं बल्कि लापरवाही बरतने में संबंधित जिलों के डीएसपी से लेकर एसपी रैंक के अधिकारियों तक पर गाज गिरेगी। डीजीपी को कहा गया है कि वे इस बात का अध्ययन करवाएं कि आखिर ऐसे क्या कारण हैं कि क्राइम के बाद भी आरोपी बच निकलने में कामयाब होते हैं। इससे पहले विज ने स्वीकार किया कि राज्य में महिलाओं के विरुद्ध अपराध के मामलों में 3.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।


क्या कहती है अपराध रिपोर्ट

हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार को सदन में रखी गई रिपोर्ट के अनुसार 2018 में महिला उत्पीडऩ के 12 हजार 691 केस दर्ज हुए तो 2019 में इनकी संख्या बढक़र 13 हजार 104 हो गई। इसी तरह से कमजोर वर्गों के विरुद्ध अपराध के मामलों में 7.9 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। 2018 में ऐसे 1016 केस दर्ज हुए तो 2019 में इनकी संख्या 1097 दर्ज की गई। गृह मंत्री ने कहा कि बच्चों के विरुद्ध अपराध के मामलों में 3.8 प्रतिशत की कमी आई है। 2018 में 4022 बच्चे अपराध का शिकार हुए तो 2019 में 3870 बच्चों के साथ आपराधिक घटनाएं हुईं।

सवाल इक्कठा किया तो भडक़ा विपक्ष

हरियाणा के पांच विधायकों द्वारा अपराध से संबंधित सवाल लगाया गया था। जिनमें कांग्रेस के गीता भुक्कल, जगबीर सिंह मलिक, चिरंजीव राव, आफताब अहमद तथा जननायक जनता पार्टी के ईश्वर सिंह शामिल थे। एक जैसा सवाल होने के चलते स्पीकर ने इन सभी को एक साथ जोड़ दिया। जिस पर कांग्रेस की किरण चौधरी ने आपत्ति जताते हुए खूब हंगामा किया। किरण चौधरी ने तो स्पीकर द्वारा शुरू किए गए लॉटरी सिस्टम पर भी सवाल उठा दिया। इस मुद्दे पर करीब आठ मिनट तक हंगामा होता रहा। स्पीकर ने सवालों के चयन की पूरी प्रक्रिया सदन को बताई। जिसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर चार पूरक सवाल उठाने की मंजूरी देकर सभी को शांत किया।

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