एयरफोर्स अधिकारियों को अलर्ट रहने के आदेश दिए
जानकारी के अनुसार हरियाणा के अंबाला छावनी में देश का सबसे बड़ा और पुराना एयरफोर्स स्टेशन है। इस एयरफोर्स स्टेशन में सुरक्षा के लिए तैनात सबसे पुराने मिग और जगुआर तैनात हैं। भारतीय सेना व एयरफोर्स में जम्मू के बाद अंबाला को ही सुरक्षा की दृष्टि से आखिरी फिल्टर माना जाता है। इसलिए पाकिस्तान की ओर से एयर स्ट्राइक के होने से कुछ घंटे पहले ही अंबाला में एयरफोर्स अधिकारियों को जानकारी देकर अलर्ट रहने के आदेश दिए गए।
सुपरसोनिक लड़ाकू विमान रफाल अंबाला को जल्द
पाकिस्तान ने वायु सीमा का उल्लंघन कर एयर स्ट्राइक शुरू की तो उसी समय मिराज की सुरक्षा में उसके पीछे अंबाला से गए मिग व जगुआर श्रीनगर में अपने एयर फील्ड में ही हवा में घूमते रहे। इसी तरह अंबाला एयरफोर्स स्टेशन के क्षेत्र में भी आसमान में लड़ाकू विमान सुरक्षा के लिए मंडराते रहे।
सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा के अंबाला में रक्षामंत्रायल की ओर से आगमी 19 सितंबर तक सुपरसोनिक लड़ाकू विमान रफाल मिल जाएगा। तथा एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरने लगेगा। इस संबंध में बुनियादी ढांचे के लिए पहले चरण में रखरखाव और अपग्रेडेशन का काम आरंभ कर दिया गया है। जिसकी जानकारी अंबाला से भाजपा के सांसद रतन लाल कटारिया ने दी।
अंबाला एयरबेस रणनीतिक लिहाज से काफी अहम
रणनीतिक लिहाज से अंबाला एयरबेस काफी अहम है। वर्ष 1919 में स्थापित एयरफोर्स स्टेशन पाकिस्तानी सीमा से करीब 220 किलोमीटर दूर है। यहां अभी दो स्क्वाड्रन तैनात हैं। पहला जगुआर कॉम्बैट और दूसरी मिग—21 बाइसन। मिग—21 कुछ ही वर्षों में बेड़े से बाहर हो जाएंगे। ऐसे में रफाल महत्वपूर्ण हो जाता है। इसकी तैनाती से पाकिस्तान पर भारत की रणनीतिक बढ़त रहेगी। रफाल बेड़े के लिए वर्तमान बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल तो होगा ही उसे विस्तार भी दिया जाएगा। जिसके लिए एयरफोर्स स्टेशन को अपग्रेड किया जा रहा है। पहले चरण में इसके रखरखाव और अपग्रेडेशन का काम आरंभ कर दिया गया।
रेलगाडियों में भी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी
दूसरी ओर जम्मू की ओर से आने वाली रेलगाडियों में भी सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने के आदेश जारी हुए हैं। आतंकियों के अड्डों को ध्वस्त करने के लिए कई दिन पहले शुरू हो गई थी तैयारियां सूत्रों के मुताबिक आइओसी अंबाला से एटीएफ को स्पेशल टैंकरों में लोड करके श्रीनगर के लिए रवाना किया गया। करीब 61 टैंकरों को यहां से रवाना किया जा चुका है। एक टैंकर में 9 हजार से 12 हजार लीटर एटीएफ लोड होता है। इसके अलावा पेट्रोल और डीजल भी सप्लाई किया गया है। इसी को लेकर फिलहाल आइओसी की पूरी तैयारी है और आवश्यकता पडऩे पर एटीएफ सप्लाई किया जाएगा।