हरियाणा में पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य चार हजार रूपए प्रति क्विंटल पर नैफेड के लिए 27 लाख क्विंटल सरसों की खरीद की गई थी। इसमें से 23.5 लाख क्विंटल हैफैड ने और 3.41 लाख क्विंटल खाद्य,नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने खरीदी थी। खरीद के समय सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य चार हजार रूपए प्रति क्विंटल के मुकाबले बाजार में सरसों का भाव 3100 और 3200 रूपए प्रति क्विंटल रहा। हरियाणा में सरसों का कुल उत्पादन 105 लाख क्विंटल के करीब हुआ। इस मामले में शिकायत यह आई कि जब किसान अपनी सरसों बेचने पहुंचे तो उसे अधिक नमी बताते हुए खरीदने से इनकार कर दिया गया। हैफेड के अधिकारी आढतियों से मिल गए और आढतियों द्वारा कम भाव पर खरीदी गई सरसों हैफेड के लिए खरीद ली गई। आढतियों ने 800 रूपए प्रति क्विंटल कम भाव पर सरसों खरीदी थी।
हैफेड के अधिकारियों ने आढतियों से खरीद के मामलों में कागजों में खरीद दिखा दी और भुगतान भी जारी कर दिया लेकिन जब गोदामों में खरीदे गए माल का मिलान किया गया तो कागजों में दिखाई खरीद से बहुत कम पाया गया। झज्जर और भिवानी जिलों में हैफेड मेनेजरों ने ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज करवाई है। बाद में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी कई अन्य जिलों से ऐसी शिकायतें मिली है।