प्रिन्सिपल के डांटने पर की हत्या
यह मामला है यमुनानगर का। यहां के विवेकानंद पब्लिक स्कूल में 12 वी कक्षा में पढऩे वाले शिवांस को अनुशासनहीनता पर शिक्षकों ने कई बार समझाया। इसके बावजूद उसकी हरकतों पर लगाम नहीं लगी। जब छात्र की हरकतें हदें पार करने लगी तो स्कूल की प्रिन्सिपल रितू छाबड़ा ने उसे डांट लगा दी। यह डांट शिवांस को इतनी नागवार गुजरी की वह गुस्से से बिफर गया। 20 जनवरी 2018 को प्रिंसिपल अपने रूम में थी। शिवांस घर गया और पिता की लाईसेंस रिवाल्वर से स्कूल में जाकर प्रिन्सिपल पर गोलियां बरसा दी। स्कूल में हुए इस हादसे से हडकम्प मच गया। गोलियां लगने से प्रिन्सिपल रितू की मृत्यु हो गई।
दो साल चला प्रकरण
इस बहुचर्चित प्रकरण की सुनवाई करीब दो साल तक चली। इसमें एक गवाह अदालत में मुकर गया किन्तु पीडि़त पक्ष के वकील के सवाल जवाब के दौरान उसने स्वीकार किया कि आरोपी छात्र को पकडऩे की फोटो उसी की है। इस मामले में कुल 16 लोगों की गवाही हुई। इनमें स्कूल के चौकीदार, शिक्षक और अन्य स्टॉफ शामिल थे।
पिता को किया बरी
गवाहों की गवाही और सबूतों के आधार पर अतिरिक्ति जिला सैशन न्यायाधीश नेहा नोहरिया ने शिंवास को प्रिन्सिपल की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा से दंडित किया। अदालत ने उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में उसके पिता रणजीत को अदालत ने बरी कर दिया। रणजीत पर पुलिस ने आम्र्स एक्ट का मामला दर्ज किया था। अदालत ने इसे नहीं मानते हुए रणजीत को बरी कर दिया।