धन्नासेठ—वंशवादी नहीं चलेंगे उन्होंने कहा कि पार्टी ने उम्मीदवारों के चयन में काफी सावधानी बरती है। टिकट देने में खासतौर से उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि ( Background of Candidates ) का ध्यान रखा गया है। टिकट वितरण में वंशवाद या धन्नासेठों को दूर रखा गया है। जातिगत आधार ( No Racism ) भी पैमाना नहीं माना गया है। सारा जोर उम्मीदवारों की छवि पर दिया गया है। उम्मीदवारों पर नजर रखने के लिए एक लोकपाल ( Lokpal ) की तैनाती भी की गई है।
आरक्षित वर्ग से संबंध रखने वाले योग्य उम्मीदवार को भी केवल आरक्षित सीटों तक सीमित रखने की राजनैतिक परंपरा को तोड़कर स्वराज इंडिया ने एक नई शुरुआत की है। स्वराज इंडिया के अध्यक्ष यादव ने कहा कि हमारे लिए राजनीति एक धंधा (Not A Profession ) नहीं है। आज जब पूरे प्रदेश में बीजेपी ( BJP ) में घुसने की होड़ लगी हुई है, ऐसे में इन उम्मीदवारों ने स्वराज इंडिया का झंडा उठाकर स्वार्थी नहीं सारथी बनने की हिम्मत दिखाई है। इन्हें 3 महीने नहीं, अगले साढ़े 5 साल का टिकट मिला है।