दो दिन पहले ऐसी ही तस्वीर जिला अस्पताल से निकल कर आई थी, जिसमें एक वृद्ध महिला के पैर में प्लास्टर लगा कर डॉक्टरों ने अस्पताल के बाहर कर दिया था और महिला जमीन पर घंटों दर्द से तड़पती रही। हालांकि मीडिया के हस्तक्षेप के बाद महिला को अस्पताल के वार्ड में भर्ती करा दिया गया था, लेकिन जिस तरीके से लगातार अस्पताल की लापरवाही सामने आ रही हैं, उससे कहीं ना कहीं यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों के साथ किस तरह से खिलवाड़ किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की नजर में ये है सामान्य बात इस पूरे मामले में जब सीएमएस डॉ. एसपी गौतम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। ड्यूटी पर इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर के बचाव में सफाई देते हुए उन्होंने कहाकि कभी-कभी मरीजों की संख्या ज्यादा हो जाती है, जिसकी वजह से डॉक्टरों के साथ वार्ड ब्वॉय को भी काम करना पड़ता है, लेकिन सीएमएस के इस बयान ने एक बात तो साफ कर दी है कि हो चाहे जो भी मरीजों का इलाज वार्ड ब्वॉय और सफाई कर्मी नियम विरुद्ध ढंग से करते रहेंगे।