चीनी मिल खुलने का नही हुआ कोई लाभ जिले में अकबरपुर शुगर मिल खुलने से किसानों को अपने अच्छे दिन की उम्मीद जगी। लिहाज़ा किसानों ने पिछले कई वर्षों से धान और गेंहू की पारम्परिक खेती से ऊब कर गन्ने की खेती पर अपना ध्यान लगा दिया जिसका नतीजा यह रहा कि बीते वर्ष जिले के किसानों ने 20 हजार 446 हेक्टेयर भूमि पर गन्ने की खेती की जिसमें 11649 हेक्टेयर भूमि पर किसानों ने गन्ने का पौधा रोपा था और 8797 हेक्टेयर भूमि पर पेड़ी लगाईं थी। यानी की जिले के कुल 38 हजार 116 किसानों ने 221 करोड़ रुपये की अकबरपुर चीनी मिल को अपने गन्ने की फसल बेंची, जिसमें से अभी तक 2 हजार 182 किसानों को उनकी फसल का भुगतान नहीं हुआ है। यानि कि अकबरपुर चीनी मिल किसानों का मौजूदा समय में 45 करोड़ रुपये दबाये बैठी है, जिसको लेकर गन्ना किसान काफी परेशान है। अपने गन्ने की फसल के बकाये के भुगतान को लेकर वे अधिकारियों से लेकर नेताओं के चक्कर लगा रहे है, लेकिन इनका दर्द सुनने वाला कोई नहीं है।
नहीं पूरी हो रही है किसान की जरूरतें अपने बकाया भुगतान के लिए दौड़ लगा रहे राम कुमार का कहना है कि हमारा डेढ़ से दो लाख रूपया गन्ने का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। जिसके चलते हम लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए है। बच्चों की अच्छे स्कूलों में हम पढ़ाई नहीं करवा पा रहे है। शादी-विवाह से लेकर खेती में खाद और बीज की समस्या खड़ी हो गई है। अधिकारियों से शिकायत करते है तो वे सिर्फ आश्वासन देते है कि पैसा मिल जायेगा, लेकिन अभी तक नहीं मिला। ऐसे ही संतराम नाम के किसान का कहना है कि हमारा एक लाख आठ हजार रुपये चीनी मिल दबाये बैठी है अधिकारियों से शिकायत करते है तो वे कहते है अगले महीने मिल जायेगा और मिला नहीं अभी तक।
वहीं अपने बकाये भुगतान के लिए दौड़ लगा रहे गन्ना किसानों की भीड़ इन दिनों जिला गन्ना विकास अधिकारी के कार्यालय पर उमड़ रही है। अपने बकाये को पाने के लिए बूढ़े-बुजुर्ग गन्ना किसान इस ऑफिस की दौड़ लगा रहे है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ उन्हें जल्द पैसा मिलने की दिलासा देते नजर आ रहे है।
आंकड़ों का खेल समझा रहे हैं अधिकारी इस बारे में जब जिला गन्ना अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि जिले के कुल 38 हजार 116 किसानों ने लगभग 221 करोड़ रुपये की कीमत का अपना गन्ना अकबरपुर चीनी मिल को बेंचा था, जिसमें से 35 हजार 934 किसानों का लगभग 176 करोड़ रुपये भुगतान किया जा चुका है। शेष 2 हजार 182 किसानो का लगभग 45 करोड़ रुपये का भुगतान अभी नहीं हुआ है जिसके भुगतान की प्रक्रिया चल रही है।
अधिकारी कहते है कि गन्ना किसानो के भुगतान की प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया सब की चल रही है लेकिन काम नहीं हो रहा है। सवाल यह उठता है कि आखिर इसमें किसानों का क्या कसूर है ? वो तो अपने बेंची गई फसल की क़ीमत ही तो मांग रहे है लेकिन पूंजीपतियों और सरकार की गठजोड़ का खामियाजा यहां किसानों को भुगतना पड़ रहा है।