इस किसान को तो राजस्व कर्मियों ने दिखा दिया मृतक, अब जिन्दा साबित करने के लिए लगा रहा है गुहार
ये है उत्तर प्रदेश का राजस्व विभाग, जिसके लिए कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं है।

अम्बेडकर नगर. ये है उत्तर प्रदेश का राजस्व विभाग, जिसके लिए कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं है। अभी तक तो कई मामलों में राजस्व कर्मियों द्वारा अभिलेखों में लोगों की जमीनों के लिए ही फर्जी इन्द्राज कर घोटाले करने के मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन अम्बेडकर नगर की आलापुर तहसील में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने लोगों के होश उड़ा दिए हैं। आलापुर तहसील क्षेत्र के शाहपुर महमूदपुर गांव के एक किसान को राजस्व विभाग ने मृतक दिखा दिया है, जबकि यह व्यक्ति जीवित है और अब खुद को जिन्दा साबित करने के लिए अधिकारीयों की चौखट पर सिर पटक रहा है।
ऋण माफ़ी का लाभ न मिले, इसके लिए खेला खेल
प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान ही भाजपा की तरफ से किसानों के कर्जमाफ़ी का वादा किया गया था और योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद ही सबसे पहले इस योजना पर प्रदेश सरकार ने कार्य शुरू किया। इस योजना के अंतर्गत किसानों के एक लाख रूपये तक के कर्ज को माफ़ किया जाना था। आलापुर तहसील क्षेत्र के शाहपुर महमूदपुर गांव के निवासी किसान राम प्रीत ने भी बड़ौदा ग्रामीण बैंक की गोविन्द साहब शाखा से के सी सी का लोन लिया था। सरकार की ऋण माफ़ी योजना के तहत उसे भी इस बात की उम्मीद थी कि शायद उसका भी ऋण माफ़ हो गया होगा। इसी की जानकारी के लिए किसान राम प्रीत जब बैंक में गया और वहां बैंक कर्मियों से मिलकर अपने ऋण माफ़ी की वास्तु स्थिति की जानकारी की तो, जो जानकारी उसे बैंक कर्मियों ने दी उसको सुनकर रामप्रीत के होश उड़ गए। बैंक कर्मियों ने बताया कि उसके खाते के सम्बन्ध में तहसील आलापुर में जो अभिलेख वेरीफिकेशन के लिए भेजा गया था, उस पर खाताधारक राम प्रीत को मृतक बताया गया है, जिसकी वजह से उसका ऋण माफ़ नहीं हो सका है।
किसान जिन्दा होने का दे रहा है सबूत, तहसीलदार को नहीं है घटना की जानकारी
खुद को मृतक बताये जाने के बाद किसान राम प्रीत लगातार जिलाधिकारी, कृषि अधिकारी से लेकर तमाम अधिकारीयों के चौखट पर अपने जिन्दा होने के सबूत के साथ दस्तक दे रहा है, लेकिन अभी भी वह खुद को जिन्दा साबित नहीं कर सका है। इस सम्बन्ध में जब आलापुर तहसीदार से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले की जानकारी उन्हें मीडिया के द्वारा ही मिली है। उन्होंने बताया कि आलापुर में उनकी तैनाती से पूर्व ही यह रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसकी उनको कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहाकि इस मामले में उनसे कोई रिपोर्ट मांगी जायेगी तो इसकी सच्चाई के साथ रिपोर्ट भेजी जायेगी। फिलहाल रामप्रीत अभी भी बैंक खाते के अनुसार मृतक की श्रेणी में ही दर्ज है।
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