हिन्दू को हिन्दू से लड़ाने की बताया साजिश सांसद डॉ हरिओम पांडेय ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहाकि जिस तरह से एक्ट में संशोधन किया गया है, उसके कारण ऐसा लगता है कि हिन्दू को हिन्दू से लड़ा दिया गया। अनसूचित और अनुसूचित जनजाति का जो हमारा हिन्दू भाई है, यदि इनको सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लोगों से लड़ा दिया जाएगा और सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लोग इकठ्ठा हो गए तो स्थिति गंभीर होगी। उन्होंने कहा कि यहां जाति जोड़ो की बात चलती थी, जाति तोड़ो की बात चलती थी, वो तो सही है, लेकिन यदि इस आग को लगाया गया और वर्गवाद का संघर्ष दे दिया गया तो इसका परिणाम बड़ा भयावह हो सकता है, इसको मै स्वीकार करता हूं, लेकिन इसका परिणाम हमारा सामान्य वर्ग झेलेगा। सांसद ने कहा कि मै यह चाहता हूं कि इस पर पुनर्विचार हो। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला था उसमे कुछ संशोधन करने की आवश्यकता थी, लेकिन एक विशेष वर्ग को एक अमोघ अस्त्र दे दिया जाय, जिससे हमारी 72 % की आबादी प्रभावित होती हो, ऐसा नहीं होना चाहिये।
सबका साथ सबका विकास फैसले पर उठाया सवाल डॉ हरिओम पांडेय ने दलित उत्पीड़न के आरोप पर कहा कि जांच होनी चाहिए और जिसके विरुद्ध एससी/एसटी का केस दर्ज होता है, यदि जांच में वह दोषी नहीं पाया जाता तो जिसने केस दर्ज करवाया है उसको क्या दण्ड मिलना है। इस पर भी एक कानून बनना चाहिए जो कि मानवाधिकार के दायरे में आता है। उन्होंने कहा कि एक को दूध पिलाएंगे और दूसरे को लाठी, तो यह कहां का न्याय है? इस तरीके से सबका साथ-सबका विकास कैसे होगा यह एक बड़ा प्रश्न है। यह बात हमारे समाज में गूँज रही है और अभी तो शांति प्रिय आंदोलन चल रहे है। भारत बंद के दौरान लोगों के गुस्से का शिकार हुए सांसद ने कहाकि इसका खामियाजा मुझे अभी दो-तीन दिनों पहले भुगतना पड़ा है। उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व से सवाल किया कि क्या अब एक जाति के लोग पूरे देश को चलायेंगे। यदि ऐसा है और एक ही जाति का वोट सबको चाहिए तो ये तो विचारणीय बिंदु है और इस एक्ट पर पुनर्विचार होना चाहिए। उन्हीने कहाकि मेरा अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से यह अपील है कि इस एक्ट में संशोधन किया जाय जिससे देश और प्रदेश में अमन-चैन कायम रह सके।
लोकसभा चुनाव में भाजपा भुगतेगी इसका खामियाजा सांसद हरिओम पाण्डेय से जब आगामी लोकसभा चुनाव में एससी/एसटी एक्ट के प्रभाव के बारे में पूँछा गया तो, उन्होंने कहा कि इसका असर जरूर देखने को मिलेगा। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र का आकंडा देते हुए कहा कि हमारा जनपद सवर्ण बाहुल्य है और सवर्ण 7 लाख मतदाता व एससी/एसटी 4 लाख मतदाता, यदि ओबीसी को भी सवर्ण के साथ मिला दिया जाय, जिनके ऊपर यह कानून लागू होता है, तो हम 72 % हो जाएंगे और एससी और मुस्लिम वोट बैंक को एक साथ कर दिया जाय तो उनका वोट केवल 28 % होगा। उन्हीने कहाकि इस आँकड़े को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि 2019 के चुनाव में अहित जरूर होगा।