माइनरों की सफाई के लिए बेंचे जा रहे टेंडर से खुली पोल किसानों के खेतों की सिचाई के लिए गांव-गांव में फैले नहरों के जाल की सफाई सरकार हर साल कराती है, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है। अंबेडकर नगर में इसी टेंडर फार्म को बेंचने के नाम पर विभाग में लूट मची है। जब ठेकेदार बनकर टेंडर फार्म मांगा गया तो 52 रुपये और 85 रुपये के टेंडर फार्म के सीधे पांच सौ रुपये की मांग की गई। भ्रष्टाचार की ये पूरी कहानी कैमरे में कैद हो गई। सिचाई विभाग में तैनात सब डिवीजन कलर्क नीलाम्बुज पांडे, जिनको टेंडर का फार्म बेचने का अधिकार है, पर इन्होंने सरकारी फार्म को सरकारी रेट की जगह अपने दाम फिक्स कर दिए हैं। सिचाई विभाग में तैनात दूसरे सब डिवीजन के क्लर्क दुर्गेश कुमार भी इसी दर से टेंडर बेंचते नजर आए। जब उनसे टेंडर फार्म का दाम पूछा गया तो बेधड़क होकर उन्होंने भी एक फार्म का 500 रूपया बताया। जब इनसे भी फार्म का सरकारी दाम पूछा गया तो उन्होंने आगे कुछ नहीं बताया, पर इतना जरूर कहा की दाम दरवाजे पर चिपका हुआ है।
बड़े अधिकारी की शह पर चल रहा है यह खेल सिंचाई विभाग में फैले इस भ्रष्टाचार के बारे जब इस विभाग के अधिशाषी अभियंता बृजेश चंद्र लाल से बात करने का प्रयास हुआ तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया और तरह-तरह की कहानी गढ़ते नजर आए। हालांकि उनकी यह कहानी भी खूफिया कैमरे से बची नहीं रही।