इन्ही परम्पराओं को सहेजने और लोगों को जागरूक करने के लिए जिले के टाण्डा में समाजसेवी धर्मवीर सिंह बग्गा ने एक अनूठा प्रयास किया है, जिसमें पहली बार लोगों को एक ऐसी दावत दी जिसमें खाने पीने के सारे सामान विशुद्ध देसी रहे और इस दावत को नाम दिया गन्ना पार्टी।
घंटों चला खाने खिलाने के दौर टाण्डा स्थित मेला गार्डन में आयोजित गन्ना पार्टी में सैकड़ों की संख्या में पहुंचे युवाओं ने सबसे पहले जी भरकर लाल वाले मीठे गन्ने चूसे, उसके बाद लाई, चना का दौर चला। इसके साथ ही उबला सिंघाड़ा, मूंगफली का भी लोग जमकर लोग आनन्द उठाये। इन सबके बाद आखिर में दौर चला कोल्हू से निकले गन्ने के रास और मटर की घुघुरी का । इतनी सारी चीजों का एक साथ किसी पार्टी में सेवन आज के समय में किसी अजूबे से कम नहीं था।
इस आयोजन में पहुंचे पूर्व एमएलसी अजय कुमार उर्फ विशाल वर्मा ने साफ तौर से कहा कि इस तरह के आयोजनों के माध्यम से हम अपनी परंपरा और सभ्यता बचाने में कामयाब हो सकते हैं। महंथ चंद्र प्रकाश त्रिपाठी ने कहाकि इस परंपरा को लोगों को आगे बढ़कर अपनाना चाहिये और इस आयोजन से लोगों को प्रेरणा लेकर आगे और भी आयोजन करना चाहिए।
युवाओं की सोच ही बदल सकती है दुनिया यह बात सही है कि किसी भी देश को अगर ले जाने की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा युवाओं पर ही होती है। युवा अगर यह सोच लें कि वह अपने नीति मूल्यों पर चलते हुए अपनी परम्पराओं और सभ्यता का देखभाल करता रहेगा तो आगे आने वाली पीढ़ियां भी उसे सहेजने का प्रयत्न करेंगी।
कुछ ऐसी ही सोंच के साथ समाजसेवी धर्मवीर सिंह बग्गा ने गणना पार्टी का आयोजन करके लोगों में यह संदेश छोड़ने में कामयाब रहे कि आज भी बाजार में उपलब्ध तमाम विदेशी खाद्य सामग्री और पेय न सिर्फ हमारे देश की पूंजी को नुकसान कर रहे हैं बल्कि हमारे स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं। धर्मवीर सिंह बग्गा ने कहा कि इस आयोजन के पीछे उनका मकसद लोगों में देसी व्यवस्था के प्रति जागरूकता पैदा करने की रही है।