तीन साल पहले भी हुआ था हमला आरिफ ने बताया कि जुरगाम मेहंदी के ऊपर तीन साल पहले 28 अप्रैल 2015 की भी गांव के पास ही हमला हुआ था, जिसमें दर्ज मुकदमे की पैरवी में ही जुरगाम जिला अदालत पर जाने के लिए निकले थे। आरिफ ने बताया कि उनकी गाड़ी जैसे ही हीरापुर बाजार पार करके रामपुर बेनीपुर गांव के पास पहुंची, वहां सड़क पर बने एक ब्रेकर पर गाड़ी की रफ्तार धीमी होते ही वहां पहले से घात लगाए एक मोटर साइकिल पर सवार तीन अज्ञात हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें जुरगाम मेहंदी और उनके ड्राइवर को कई गोलियां लगीं। इस बीच आरिफ और उसके साथ दो अन्य लोग गाड़ी से उतर कर बाहर भागे। इसी दौरान फायरिंग करने वाले बदमाश गाड़ी के बाहर भी फायरिंग किये, जिसमे दो अन्य को भी गोली लगी है, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।
पुलिस और प्रशासन से लगा चुके थे सुरक्षा की गुहार जुरगाम मेहंदी के ऊपर कई बार जानलेवा हमला हो चुका था, जिसमें एक बार उनकी जान जाते जाते बची थी। उनके पुत्र आरिफ ने बताया कि इधर कुछ दिनों से जुरगाम की गाड़ी के आसपास और उनके गांव के आसपास के संदिग्ध लोग देखे जा रहे थे, जिसको लेकर जुरगाम हमेशा सशंकित रहते थे। आरिफ ने बताया कि उनके पिता ने स्थानीय पुलिस से लेकर शासन तक इसकी शिकायत करते हुए सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन पुलिस की तरफ से कोई तवज्जो नहीं दिया गया, जिसका परिणाम यह रहा कि उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
माफिया डॉन खान मुबारक को किया नामजद जुरगाम मेहंदी क्षेत्र में काफी सम्मानित व्यक्ति थे और उन्हीं के गांव के पास हरसम्हार गांव का निवासी माफिया डॉन खान मुबारक की गतिविधियां इधर कुछ सालों में जब क्षेत्र और पूरे जिले में बढ़ी तो क्षेत्रवासियों की मदद में जुरगाम हमेशा उसके सामने आते रहे। इसी वजह से जुरगाम खान मुबारक की आंखों की किरकिरी बने हुए थे। पिछले जानलेवा हमले में खान मुबारक नामजद अभियुक्त है और इसी मुकदमे की पैरवी में सोमवार को जुरगाम अदालत जाने के लिए निकले थे। जुरगाम के पुत्र आरिफ ने इस हत्या के पीछे जेल में बंद माफिया खान मुबारक का सीधा हाथ बताते हुए मुकदमा दर्ज कराया है।