धार्मिक उन्माद के कारण कभी कभी कुछ स्थानों पर विवाद की भी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसको लेकर राज्य सरकारें शांति व्यवस्था करने के उपाय भी करती रही हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले साल और इस साल जिस तरह का फरमान जारी किया उसको लेकर तरह तरह के विवाद खड़े हो गए। ममता बनर्जी ने मुहर्रम के जुलूस को प्राथमिकता देते हुए दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर एक दिन के लिए रोक लगा दी थी, जिसके कारण उन पर मुस्लिम तुष्टिकरण का भी आरोप लगा और पश्चिम बंगाल की हाई कोर्ट ने ममता सरकार को कड़ी फटकार भी लगाने के साथ ही इस तरह के अव्यवहारिक रोक को समाप्त कर दिया।
उत्तर प्रदेश भी साम्प्रदायिक दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील माना जाता है। पिछली अखिलेश सरकार जहां मुस्लिम समुदाय की पक्षधर मानी जाति रही है, वहीं वर्तमान योगी सरकार हिन्दू समुदाय की पक्षधर मानी जाति है। पिछले दो साल से दुर्गा पूजा और मुहर्रम एक साथ पड़ रहे हैं, जिसमे विसर्जन और ताजिये का जुलूस एक ही पड़ रहे हैं। इस साल भी ये दोनों आयोजन एक ही दिन पड़ने की वजह से सरकार प्रशासन की लिए बड़ी चुनौती है। इसी को लेकर प्रशासन इन दोनों आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए जुटा हुआ है।
इस अधिकारी की पहल पर दोनों समुदाय हुए एकमत
अम्बेडकर नगर में इस आयोजन को लेकर हिन्दू और मुस्लिम समाज के लोगों ने पिछले दो सालों में एक अच्छी मिसाल पेश की है। जिले के अति संवेदनशील बीनकर नगरी टांडा में केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति और ताजियादार कमेटी के सदस्यों ने आपसी भाईचारे की जो मिसाल पेश की है वह काफी सराहनीय रहा है। वर्ष 2015 में जब यह दोनों आयोजन पहली बार एक साथ पड़ा था।उस समय यहां तैनात उपजिला मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह और सीओ राघवेन्द्र मिश्र के लिए दोनों आयोजन को सकुशल एक ही दिन में सम्पन्न कराना बड़ी चुनौती रही है, लेकिन इन दोनों अधिकारीयों का कार्य व्यवहार कुछ ऐसा रहा कि दोनों समुदाय के लोग इन अधिकारियों पर भरोसा करने के कारण इनकी बातों को मानते हुए एक ही दिन विसर्जन का कार्यक्रम दो बजे दिन तक समाप्त करने का आश्वासन दिया और दो बजे दिन के बाद मुहर्रम के जुलूस को सम्पन्न कराने के लिए दूसरा समुदाय भी तैयार हो गया। जिसका परिणाम यह रहा कि बिना किसी अप्रिय स्थिति के दोनों आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से न सिर्फ सम्पन्न हुए, बल्कि दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे का सहयोग भी करते नजर आये।
अम्बेडकर नगर में इस आयोजन को लेकर हिन्दू और मुस्लिम समाज के लोगों ने पिछले दो सालों में एक अच्छी मिसाल पेश की है। जिले के अति संवेदनशील बीनकर नगरी टांडा में केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति और ताजियादार कमेटी के सदस्यों ने आपसी भाईचारे की जो मिसाल पेश की है वह काफी सराहनीय रहा है। वर्ष 2015 में जब यह दोनों आयोजन पहली बार एक साथ पड़ा था।उस समय यहां तैनात उपजिला मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह और सीओ राघवेन्द्र मिश्र के लिए दोनों आयोजन को सकुशल एक ही दिन में सम्पन्न कराना बड़ी चुनौती रही है, लेकिन इन दोनों अधिकारीयों का कार्य व्यवहार कुछ ऐसा रहा कि दोनों समुदाय के लोग इन अधिकारियों पर भरोसा करने के कारण इनकी बातों को मानते हुए एक ही दिन विसर्जन का कार्यक्रम दो बजे दिन तक समाप्त करने का आश्वासन दिया और दो बजे दिन के बाद मुहर्रम के जुलूस को सम्पन्न कराने के लिए दूसरा समुदाय भी तैयार हो गया। जिसका परिणाम यह रहा कि बिना किसी अप्रिय स्थिति के दोनों आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से न सिर्फ सम्पन्न हुए, बल्कि दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे का सहयोग भी करते नजर आये।
इस बार भी इत्तेफाक कुछ ऐसा है कि जहां मुहर्रम का जुलूस और विसर्जन का कार्यक्रम एक ही दिन पड़ गया है, वहीं एक बार पुनः यहां उन्ही उप जिला मजिस्ट्रेट नरेंद्र सिंह की ही तैनाती है और दोनों समुदाय के लोग पुनः उसी फार्मूले को अपनाते हुए एक ही दिन में पहले दो बजे तक विसर्जन का कार्य और दो बजे के बाद मुहर्रम की ताजिया का जुलूस निकालने का और एक दूसरे के सहयोग का आश्वासन दे रहे हैं।
शांति कमेटी की बैठक में डीएम, एसपी हुए आश्वस्त जिले भर में विसर्जन और मुहर्रम के जुलूस को शांति पूर्वक निपटाने को बड़ी चुनौती मानते हुए जिलाधिकारी अखिलेश सिंह और पुलिस अधीक्षक सुधीर सिंह लगातार सभी ही थानों में शांति कमेटी की बैठक करते हुए लोगों से सद्भावपूर्वक इन आयोजनों को सम्पन्न कराने की नसीहत दे रहे हैं।
टांडा तहसील में भी इसको लेकर शांति कमेटी की बैठक आयोजित हुई, जिसमे टांडा क्षेत्र की सभी दुर्गा पंडालों की देखरेख करनेवाली केन्द्रीय दुर्गा पूजा समिति और ताजियादार कमेटी के साथ-साथ पंडाल अध्यक्षों व अन्य हिन्दू, मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हुए। इस बैठक में जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने जैसे ही इस बात की चर्चा शुरू की कि दोनों आयोजन एक साथ होना है, जिसको लेकर कहीं किसी तरह की कोई गड़बड़ी से कैसे निपटा जाएगा।
जिलाधिकारी की आशंका पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों अमुदाय के लोगों ने तत्काल उन्हें आश्वस्त करते हुए कहाकि पिछले सालों में जिस तरह से दोनों समुदाय के लोग एक साथ एक दूसरे का सहयोग करते हुए विसर्जन और ताजिया का जुलूस सम्पन्न कराये थे, उसी प्रकार इस बार भी सब कुछ ठीक ठाक निपट जाएगा।
कानून व्यवस्था को लेकर पुलिस अधीक्षक सुधीर सिंह ने विसर्जन और पंडालों में डीजे बजाने पर रोक लगी होने की जानकारी देते हुए उन्हें कम आवाज वाले साउंड बजाने की सलाह दी, जिस पर सभी लोगों ने सहमती जताई। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर बिजली की सप्लाई, बिजली तारों की समस्या, सफाई व्यवस्था और विसर्जन स्थल तक जाने के मार्ग को दुरुस्त करने की व्यवस्था को ठीक कराने की मांग पर वहां मौजूद बिजली विभाग और नगर पालिका के अधिकारियों को समय से समस्या दूर कराने का निर्देश भी जिलाधिकारी ने दिया है।