मेडिकल कॉलेज में डॉ. उजमा कौशर की देख रेख में भर्ती महिला आरती सोनी ने शुक्रवार लेबर रूम में एक के बाद एक चार बच्चों को जन्म दिए और सबसे ख़ास बात यह रही की ये सभी बच्चे स्वस्थ्य हैं साथ ही सभी का वजन भी ठीक है।
भगवान बन गए यहां के डॉक्टर, सभी एक दूसरे को दे रहे थे बधाई फैजाबाद के निवासी विजय ने यह कभी नहीं सोचा था कि उसके आंगन में एक साथ चार-चार बच्चों की किलकारी गुंजेगी, लेकिन भगवान की महिला और डॉक्टरों की लगन ने आखिरकार विजय को वो खुशियां दे ही दिया। माध्यम वर्गीय विजय फैजाबाद जिला अस्पताल में अपनी 23 साल की पत्नी आरती सोनी को प्रसव के लिए दाखिल करवाया और तीन दिनों तक वहां के डॉक्टरों की लापरवाही और टाल-मटोल के रवैये उस समय परेशान हो गया, जब उसके पत्नी की तबीयत ज्यादा खराब होनी लगी। आर्थिक संकट से जूझ रहे विजय ने अपने ससुराल वालों के माध्यम से अपनी पत्नी आरती सोनी को राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज सदरपुर में कल शाम को भर्ती करवाया। खून की कमी से जूझ रही प्रसूता आरती के लिए यहां के डॉक्टर भगवान बन गये। और आनन-फानन में पूरा कॉलेज प्रशासन आरती के ईलाज के जुट गया।
आरती ने बिना किसी ऑपरेशन के एक साथ चार बेटों को जब जन्म दिया तो डॉक्टर भी एक बार हैरत में पड़ गये। यह पहला मौका रहा जब पूरा मेडिकल कॉलेज एक दूसरे को ऐसे बधाईयां दे रहा था, जैसे यह ख़ुशी उनके अपने घर में आई हो।
यह अजूबा पांच लाख दम्पत्तियों में किसी एक में होता है महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज में एक साथ किसी महिला के चार बच्चे पैदा होने पर पूरे मेडिकल कॉलेज में कौतूहल और ख़ुशी का माहौल है। इस डिलेवरी को सकुशल सम्पन्न करने वाली महिला चिकित्सक डॉ. उजमा कौशर इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए मेडिकल कॉलेज के इतिहास में इस तरह की पहली उपलब्धि बता रही हैं। डॉ. उजमा कौशर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बहुत कठिन मामला था और पीड़ित महिला के शरीर में खून भी कम था, लेकिन पूरे कॉलेज प्रशासन ने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया।
साथ ही डिलेवरी के समय सभी डॉक्टर, एनेस्थेसिस्ट और साड़ी सुविधाओं का इंतजाम कर लिया गया था । इसके अलावा बच्चों के डॉक्टर को भी साथ रखा गया था, जिससे कि डिलेवरी के समय किसी भी आपात स्थिति में कोई असुविधा न होने पाए।
उन्होंने बताया कि यह जिले के लिए पहला मामला तो है ही साथ ही इस तरह के मामले पांच लाख में से किसी एक दंपत्ति के साथ ऐसा होता है। उन्होंने इसे कुदरत का चमत्कार बताया और कहाकि ऐसा ज्यादातर टेस्ट ट्यूब बेबी के मामले में ही संभव होता है, लेकिनं यहां तो सामन्य तौर पर हुआ है, जो संभवतः दो अण्डों के सम्पर्क में आने से ऐसा हुआ हो या एक अंडे चार टुकड़े में विभाजित होकर चार बच्चे बन गए हों।
कॉलेज प्रशासन ने गर्भवती महिला के मामले में दिया ये सुझाव
इस डिलेवरी के बाद महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज प्रशासन काफी खुश है और इस प्रयोग को एक बड़ी उपलब्धि मान रहा है। कॉलेज के चीफ प्राक्टर डॉ. सुजीत राय ने बताया कि अम्बेडकर नगर में शायद यह पहला मामला है, जिसमे किसी महिला ने एक साथ चार बच्चे को जन्म दिया है। उन्होंने किसी भी गर्भवती महिला के मामले में यह सुझाव दिया कि जब भी कोई महिला गर्भवती तो तो उसके लिए यह जरूरी है कि वह किसी भी सरकारी अस्पताल में अपना चेकअप बराबर कराये, जिससे किसी भी असुविधा से बचा जा सके।
इस डिलेवरी के बाद महामाया राजकीय एलोपैथिक मेडिकल कॉलेज प्रशासन काफी खुश है और इस प्रयोग को एक बड़ी उपलब्धि मान रहा है। कॉलेज के चीफ प्राक्टर डॉ. सुजीत राय ने बताया कि अम्बेडकर नगर में शायद यह पहला मामला है, जिसमे किसी महिला ने एक साथ चार बच्चे को जन्म दिया है। उन्होंने किसी भी गर्भवती महिला के मामले में यह सुझाव दिया कि जब भी कोई महिला गर्भवती तो तो उसके लिए यह जरूरी है कि वह किसी भी सरकारी अस्पताल में अपना चेकअप बराबर कराये, जिससे किसी भी असुविधा से बचा जा सके।