जिले की टांडा तहसील में जनता दर्शन के लिए समय सुबह 9 बजे से 11 बजे तक निर्धारित किया गया है, लेकिन यहां तैनात एसडीएम जनता की समस्याओं को सुनने के लिए कितने तत्पर हैं, यह 11 जनवरी को सुबह 10:45 बजे देखने को मिला। सुबह 10:45 पर एसडीएम साहब का चैम्बर बाहर से बंद मिला और वहां कई फरियादी खड़े दिखाई पड़े। पता करने पर मालूम हुआ कि साहब अभी आवास पर हैं।
महीने भर से दौड़ रहे हैं विकलांग बुजुर्ग-
एसडीएम चैम्बर के बाहर खड़े फरियादी 70 वर्षीय रामफेर पांडेय ने बताया कि उनकी एक फाइल है, जिसमें अनुसूचित जाति के व्यक्ति से जमीन खरीदने के लिए अनुमति प्रार्थना पत्र दिया गया है और तहसीलदार स्तर से आख्या भी एसडीएम कार्यालय में महीने भर पहले प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि वे इस ठंडक में एसडीएम से मिलने बसखारी क्षेत्र से आये हैं लेकिन, यहां पता चला कि साहब अभी घर पर हैं। इसी तरह और भी कई फरियादी सुबह से ही साहब के दर्शन के लिए खड़े रहे, लेकिन साहब आये ही नहीं और फरियादी निराश होकर लौट गए।
एसडीएम चैम्बर के बाहर खड़े फरियादी 70 वर्षीय रामफेर पांडेय ने बताया कि उनकी एक फाइल है, जिसमें अनुसूचित जाति के व्यक्ति से जमीन खरीदने के लिए अनुमति प्रार्थना पत्र दिया गया है और तहसीलदार स्तर से आख्या भी एसडीएम कार्यालय में महीने भर पहले प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि वे इस ठंडक में एसडीएम से मिलने बसखारी क्षेत्र से आये हैं लेकिन, यहां पता चला कि साहब अभी घर पर हैं। इसी तरह और भी कई फरियादी सुबह से ही साहब के दर्शन के लिए खड़े रहे, लेकिन साहब आये ही नहीं और फरियादी निराश होकर लौट गए।
साहब के रहने पर भी बंद रहता है दरवाजा-
दूरदराज के फरियादी सुबह से एसडीएम साहब के चैम्बर के सामने जमा हो जाते हैं और जब एसडीएम मौजूद भी रहते हैं, तो भी उनका दरवाजा बंद रहता है। आम तौर पर 11 बजे के बाद किसी भी फरियादी की कोई समस्या एसडीएम नहीं सुनते हैं।
दूरदराज के फरियादी सुबह से एसडीएम साहब के चैम्बर के सामने जमा हो जाते हैं और जब एसडीएम मौजूद भी रहते हैं, तो भी उनका दरवाजा बंद रहता है। आम तौर पर 11 बजे के बाद किसी भी फरियादी की कोई समस्या एसडीएम नहीं सुनते हैं।