पूजा थाली में इसका जरूर करें प्रयोग
रक्षाबंधन में पूजा की थाली का विशेष महत्व बताते हुए पंडित अमित पांडे कहते हैं कि पूजा की थाली में सबसे ज्यादा महत्व तिलक का होता है। राखी के त्योहार पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। शास्त्रों में श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है। तिलक के साथ चावल का प्रयोग किया जाता है, जिसका एक वैज्ञानिक कारण है। दरअसल दोनों भौहों के बीच का भाग अग्नि चक्र कहलाता है और वहां तिलक लगाने से पूरे शरीर में शक्ति का संचार होता है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। इसके अलावा चावल को हवन में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला शुद्ध अन्न माना जाता है।
रक्षाबंधन में पूजा की थाली का विशेष महत्व बताते हुए पंडित अमित पांडे कहते हैं कि पूजा की थाली में सबसे ज्यादा महत्व तिलक का होता है। राखी के त्योहार पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। शास्त्रों में श्वेत चंदन, लाल चंदन, कुमकुम, भस्म आदि से तिलक लगाना शुभ माना गया है। तिलक के साथ चावल का प्रयोग किया जाता है, जिसका एक वैज्ञानिक कारण है। दरअसल दोनों भौहों के बीच का भाग अग्नि चक्र कहलाता है और वहां तिलक लगाने से पूरे शरीर में शक्ति का संचार होता है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। इसके अलावा चावल को हवन में देवताओं को चढ़ाया जाने वाला शुद्ध अन्न माना जाता है।
रक्षाबंधन 2018 का ये है शुभ मुहूर्त अमित पांडे बताते है कि इस बार रक्षाबंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने का सबसे शुभ समय प्रातः 05.59 से सायंकाल 17.25 तक है। वे कहते हैं कि बहन को राखी भाई के दाहिनी कलाई पर बांधनी चाहिए। इस पूरी प्रक्रिया तक भाई और बहन दोनों को उपवास रखना चाहिए। बहुत से लोग कहते हैं कि केवल बहनें ही व्रत रहें ऐसा नहीं है भाई भी व्रत रहेगा।