इस एक्ट के विरोध जिस तरह से किया जा रहा उसे भिंकिसी तरह से जायज नही कहा जा सकता है। विरोध करने वाले लोगों ने हाथों में तख्ती और बैनर लेकर रैली निकाली और सरकार विरोधी नारे लगाये। इतना ही नहीं एससीएसटी को लेकर आक्रोश इस कदर था कि प्रदर्शन कर रहे लोग तहसील तिराहे पर पहुंचकर सड़क जाम कर दिए, जिससे दूर दूर तक लंबा जाम लग गया। हालांकि इस मौके पर सुरक्षा को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने प्रधानमंत्री का पुतला भी फूंका और एससीएसटी को वापस करने की मांग की, लेकिन पुलिस फोर्स मूकदर्शक बनी रही।
अम्बेडकर नगर जिला वैसे तो राजनीगिक दृष्टिकोण से दलित और पिछड़ा वर्ग बाहुल्य है, लेकिन इस एक्ट को लेकर जिस तरह से सवर्ण समाज के लोग सरकार के विरोध में सामने आए हैं, उसका सीधा असर आगामी लोकसभा चुनाव में दिखाई पड़ने की प्रबल संभावना बताई जा रही है, क्योकि सवर्ण समाज का बड़ा हिस्सा भाजपा के ही पक्ष में माना जाता है और पिछले लोकसभा चुनाव में सवर्ण और पिछड़ा वर्ग मिलकर भाजपा के पक्ष में मतदान कर पहली बार यह सीट भाजपा के खाते में डाली थी।