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अम्बेडकर नगर

इस जिले में पीसीएफ विभाग का बड़ा घोटाला आया सामने, फर्जी कागजात के सहारे यूरिया खाद के डकारे लाखों रुपये

फर्जी कागजात के सहारे यूरिया खाद के डकारे लाखों रुपये

अम्बेडकर नगरApr 13, 2019 / 05:33 pm

Ruchi Sharma

rajasthan police news

kamalnath govt scam in madhya pradesh

अम्बेडकर नगर. जिले में यूरिया खाद के घोटाले का एक बड़ा मामला सामने आया है ,पीसीएफ विभाग ने जहां लाखों रुपये के यूरिया की कालाबाजारी कर ली है, वहीं फर्जी कागजातों के सहारे समितियों के खाते से बैंक से लाखों रुपये की धनराशि भी निकाल ली है ,सहकारी समितियों के सचिवों ने जब इसकी शिकायत पीसीएफ विभाग के उच्चाधिकारियों से की तो विभाग में हड़कम्प मच गया है। फर्जीवाड़े की पोल खुलने के बाद अब जिम्मेदार कैमरे के सामने आने कतरा रहे हैं।
पुराने चालान पर तारीख बदल कर बैंक से ले लिया भुगतान

अम्बेडकर नगर में पीसीएफ ही जिले के सभी सहकारी समितियों पर खाद की आपूर्ति करने के लिए सरकार की तरफ से अधिकृत है, जहां से किसानों को खाद मिलता है, लेकिन अब फसल की पैदावार बढ़ाने वाली खाद पीसीएफ के अधिकारियों और कर्मचारियों की आय बढ़ा रही है। यूरिया खाद की कालाबाजारी से जब इन हाकिमों का जी नहीं भरा तो समितियों के नाम पर फर्जी कागजात बना कर उन्हें एक -एक ट्रक खाद की आपूर्ति दिखा दी और पुराने चालान पर तारीख बदल कर बैंक से भुगतान भी करा लिया है ।
बैंक द्वारा सहकारी समिति से रकम की मांग पर हुआ खुलासा

पीसीएफ ने अकबरपुर विकास खण्ड अन्तर्गग सहकारी समिति लाला पुर को चालान संख्या 4214/01 के तहत दिनांक 5/12/18 को एक ट्रक यूरिया की आपूर्ति कर उसका भुगतान बैंक से ले लिया लेकिन दस दिन बाद ही उसी चालान संख्या को 15 /12 /18 दिखा कर दुबारा लाखों रुपये का भुगतान समिति के खाते से करा लिया ,इसी तरह टांडा विकास खण्ड के सहकारी समिति दाऊद पुर को पीसीएफ द्वारा 21/12/18 को एक ट्रक यूरिया जिसकी कीमत 124600 है आपूर्ति की गई जिसका भुगतान चालान संख्या 22/1128 के द्वारा समिति ने कर दिया था लेकिन कुछ दिन बाद ही दोबारा पीसीएफ ने इसी चालान का उपयोग कर समिति के खाते से 124600 रुपये पुनः निकाल लिए। मामला संज्ञान में तब आया जब बैंको ने सहकारी समितियों से तगादा करना शुरू किया।
इसकी शिकायत लाला पुर समिति के सचिव रक्षा राम और दाऊद पुर के सचिव अजय का कहना है कि पीसीएफ ने फर्जी तरीके से पैसा निकाल लिया है और अब हमें इसका ब्याज भी देना पड़ेगा और बैंक मैनेजर हमारे ऊपर गबन का आरोप लगा रहे हैं। मामला प्रकाश में आने के बाद पीसीएफ के जिला प्रबन्धक रितेश यादव से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन वे कैमरे पर बोलने को तैयार नहीं हुए ,फोन पर सिर्फ इतना कहा कि कुछ गलती हुई है उसे ठीक कराया जा रहा है।
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