scriptधान खरीद में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला आया सामने, शासन के निर्देश पर 54 के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा | scame in dhan khareed ambedkar nagar up hindi news | Patrika News

धान खरीद में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला आया सामने, शासन के निर्देश पर 54 के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

locationअम्बेडकर नगरPublished: Jun 08, 2018 11:18:51 am

2017-18 में धान की खरीद में जिले का अबतक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है।

प्री-मानसून की तैयारी में जुटे किसान

प्री-मानसून की तैयारी में जुटे किसान

अंबेडकर नगर. 2017-18 में धान की खरीद में जिले का अबतक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। खाद्यान माफियाओं ने फर्जी किसान बनकर 72 हजार कुन्तल से अधिक धान बिचौलियों और धान खरीद के लिए नामित की गई समितियों से मिलकर बेंच दिया है। जांच में घोटाला सामने आने पर प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद के निर्देश पर जिला प्रशासन ने विभिन्न थानों में 54 लोगों के खिलाफ 26 आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया है, जिसके बाद खाद्यान्न माफियाओं और खाद्य विभाग में बैठे भ्रष्ट तंत्रों में हड़कम्प मच गया है।


इस घोटाले में धान खरीद से जुड़ी एक निजी संस्था के जिला प्रभारी व 25 केंद्र प्रभारी समेत 26 बिचौलिये भी शामिल हैं। डीएम ने खाद्य विभाग से दो मार्केटिंग इंस्पेक्टर, कर्मचारी कल्याण निगम के तत्कालीन जिला प्रभारी तथा उनके दो क्रय केंद्र प्रभारियों के विरुद्ध कठोर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति शासन से की है। खरीद से जुड़ी आदर्श कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का पंजीयन निरस्त करने की संस्तुति सहकारिता विभाग को भेज दी गई जबकि मेसर्स फारमर्स फार्चून इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को धान व गेहूं खरीद के लिए ब्लैक लिस्टेड करने की संस्तुति की गई है। इस मामले में दर्ज मुक़दमों के आधार पर जांच में और भी अधिकारी और कर्मचारी के लिप्त होने की संभावना जताई जा रही है, जिनपर पुलिस जांच के बाद कार्रवाई करेगी।

इस तरह खेल गया घोटाले का यह खेल

शासन के निर्देश पर प्रदेश के 28 जिलों में बीते दिनों हुए धान खरीद में धांधली की आशंका की जांच गोपनीय ढंग से चल रही थी। इसमें अंबेडकरनगर भी शामिल था। जांच में घोटाले मामला सही पाए जाने पर जिलाधिकारी सुरेश कुमार ने बड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि शासन के निर्देश पर कराई गई जांच में पाया गया कि कुल 26 बिचौलिये ऐसे थे जिन्होंने अलग-अलग केंद्रों पर अलग-अलग आईडी के जरिये कई बार धान की बिक्री अनियमित ढंग से की। इन सभी 26 बिचौलियों के विरुद्ध संबंधित थानों में केस दर्ज करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि कुल 30 क्रय केंद्रों पर धान खरीद में धांधली हुई लेकिन भारतीय खाद्य निगम के अधीन कार्यरत फारमर्स फार्चून इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक प्राइवेट प्लेयर्स के 25 क्रय केंद्र इस गड़बड़ी में मुख्य रूप से शामिल पाए गए। ऐसे में इस संस्था के जिला प्रभारी व उनके सभी 25 क्रय केंद्र प्रभारियों के विरुद्ध भी केस दर्ज कराया गया है। सहकारिता विभाग से जुड़ी समिति आदर्श कोआपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हसनपुर जलालपुर के क्रय केंद्र प्रभारी के विरुद्ध भी केस दर्ज कराया गया है।


जिलाधिकारी ने बताया कि कुल 26 प्राथमिकी के माध्यम से 54 लोगों पर केस दर्ज हुआ है, जिसमें आदर्श कोआपरेटिव सोसाइटी का पंजीयन निरस्त करने की संस्तुति सहकारिता विभाग से की जा रही है, जबकि फारमर्स फार्चून इंडिया प्राइवेट लिमिटेड संस्था को धान व गेहूं खरीद के लिए ब्लैक लिस्टेड करने की संस्तुति शासन को भेजी जा रही है। इसके अलावा खाद्य विभाग के दो मार्केटिंग इंस्पेक्टरों अकबरपुर के योगेश सिंह तथा भीटी के प्रभारी मनोज गिरि के अलावा कर्मचारी कल्याण निगम के तत्कालीन जिला प्रभारी तथा उनके दो क्रय केंद्र प्रभारियों के विरुद्ध भी कठोर विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की गई है।

वास्तविक किसानों को सरकारी लाभ मिलने रखा गया दूर

इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी ने कहा कि पूरे मामले में कठोरतम कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि वास्तविक किसानों को प्रदेश सरकार की समर्थन मूल्य योजना का जो लाभ मिलना चाहिए था उससे उन्हें दूर रखा गया। उन्होंने बताया कि इसमें शामिल कोई भी व्यक्ति बख्शा नहीं जाएगा। साथ ही इस बड़े घोटाले में और भी जो संलिप्त होंगे पुलिस जांच के बाद उन्हें भी बख्सा नहीं जाएगा।

ये हैं खाद्यान घोटाले के माफिया

धान खरीद में धांधली को लेकर अकबरपुर, भीटी, टांडा, इब्राहिमपुर, मालीपुर व जैतपुर थाने में जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी एवं संबंधित विपणन निरीक्षकों की तरफ से जो मुकदमा दर्ज कराया गया है। उसमें जिले के मरथुआ सरैया के सूर्यप्रकाश, योगेंद्र वर्मा, मनोज कुमार वर्मा, अमित कुमार, शीला देवी, शिवपूजन वर्मा, गणेश गुप्ता, रामपूजन वर्मा, राजधर यादव, अमरेश कुमार, रघुराज, घनश्याम व राजकुमारी, हाशिमगढ़ छितुनी के दयाशंकर वर्मा, मेवालाल वर्मा, रविशंकर, विजयशंकर, रामपलट वर्मा, जियालाल, बनगांव डिहवा की विमला देवी, यरकी के शिवकुमार यादव, गड़ेरिया का पूरा के सुनील कुमार तिवारी, टंडौली की उपासना सिंह, अन्नावां के राजेश कुमार, सैदापुर के अनिल कुमार व ताजूपुर अमित कुमार मिश्र शामिल हैं। इसके अलावा जिन केंद्र प्रभारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई है उसमें फारमर्स फार्चून इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के जिला प्रभारी जलालपुर तहसील क्षेत्र के कन्नूपुर निवासी विकास सिंह चंदेल के अलावा रामपुर सकरवारी के केंद्र प्रभारी वीरेंद्र कुमार वर्मा, बरियावन के बिपिन सिंह, गौहन्ना के सत्येंद्र यादव, ककरडिल्ला के दिलीप वर्मा, हरिनाथपुर के सतेंद्र कुमार सिंह, सोनावां के अरुणेश कुमार सिंह, हरिपुर के ध्रुवदेव, अन्नावां के लक्ष्मीनिवास तिवारी, भीटी के प्रमोद तिवारी, सुंथर के दयानंद उपाध्याय, नसीराबाद के बृजेश कुमार सिंह, केदारनगर के दिलीप सिंह, पुंथर के विंदेश्वरी प्रसाद, आलापुर के आलोक रंजन त्रिपाठी, दौलतपुर के नवीन गुप्ता, हंसवर के हरीनरायन, इंदईपुर के संदीप कुमार, मंसूरपुर के नवनीत सिंह, रहीमपुर के जनार्दन, पट्टी के चंद्रप्रकाश सिंह, सुरहुरपुर के अशोक कुमार, नेवादा के अरुण कुमार गर्ग, मरहरा के अभिषेक सिंह, अहिरौली के उमेश कुमार सिंह व सेमरा के केंद्र प्रभारी पवन सिंह शामिल हैं।

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