स्कूल प्रशासन ने वाहन सुविधा देनी की बंद टांडा के अलीगंज थाना क्षेत्र में आसोपुर गाँव में स्थित डी ए वी पब्लिक स्कूल में पढने वाले बच्चों की संख्या काफी अधिक है, जिनके लिए स्कूल प्रशासन की तरफ से बस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है और इस सुविधा के लिए अभिभावकों से मासिक शुल्क भी लिया जाता है, लेकिन इधर इस खेल आयोजन को लेकर स्कूल में जबसे तैयारियां चल रही थी, तबसे सभी छात्र छात्राओं को स्कूल प्रशासन ने अपनी सुविधा से आने के लिए फरमान सुना दिया था। मजबूरन स्कूल के सभी छात्र छात्राएं या तो सडक पर खड़े होकर किसी सवारी वाहन का इन्तजार करते थे, या फिर उनके अभिभावक उन्हें लेने के लिए जाते थे। इस दौरान स्कूल के बाहर सडक के किनारे बच्चे खड़े रहते थे और स्कूल की तरफ से उनको देखने वाला कोई नजर नहीं आता था।
सरकार के निर्देशों के बावजूद प्रशासन नहीं करता कार्रवाई प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों में सुधार के लिए बड़े बड़े फरमान जारी किये थे। प्रदेश और देश में स्कूली बच्चों के साथ हुए कई हादसों के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी कई आदेश दिए जाने के बावजूद पूरे जिले में स्कूलों की मनमानी चरम पर दिखाई पड़ती है। केवल इन्ही स्कूलों पर नियन्त्रण करने और अच्छी शिक्षा की व्यवस्था पर नजर बनाए रखने के लिए पूरा शिक्षा विभाग लगा हुआ है, जो लाखों रूपये वेतन तो लेता है, लेकिन इन प्राइवेट स्कूलों की तरफ से जो मनमाने ढंग से फीस वसूली और सुरक्षा की कोई व्यवस्था न होने पर न तो जिला प्रशासन कोई कार्यवाही करता है और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारी।
मुकदमा दर्ज करने की मांग वैसे तो डी ए वी पब्लिक स्कूल बड़ी संस्था है और शायद इस संस्था के खिलाफ पुलिस और प्रशासन कोई कार्यवाही करे, क्योंकि इस खेल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खुद इस जिले के पुलिस अधीक्षक सुधीर सिंह रहे, लेकिन छात्र विपुल की दुर्घटना में हुई मौत के बाद उसके पिता का आरोप है कि यह मौत डी ए वी के प्रिंसपल की लापरवाही के कारण हुई है, इसलिए जिस अज्ञात वाहन से दुर्घटना हुई है उसके साथ ही प्रिंसपल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाय। रात में घटना के कई घंटे बाद सीओ टांडा और अलीगंज थानाध्यक्ष सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर पहुँच कर मृतक विपुल का पंचनामा भरवा कर लाश को अपने कब्जे में ले लिया था। अब देखना यह है कि क्या पुलिस और प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर विद्यालय की लापरवाही पर कार्यवाही करेंगे।