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डीएवी पब्लिक स्कूल की लापरवाही, प्रशासन की अनदेखी के चलते छात्र की हुई मौत

locationअम्बेडकर नगरPublished: Oct 12, 2017 12:12:33 pm

विपुल अपने पिता का इंतजार कर रहा था कि अचानक एक नीली बत्ती लगी बोलेरो जीप इस छात्र को धक्का मारती हुई चली गई।

Student death in raod accident near school Ambedkar Nagar Hindi News

डीएवी पब्लिक स्कूल की लापरवाही, प्रशासन की अनदेखी के चलते छात्र की हुई मौत

अम्बेडकर नगर. शिक्षा के लिए काफी चर्चित संस्था डीएवी पब्लिक स्कूल की जिले में स्थित टांडा शाखा की गंभीर लापरवाही के कारण स्कूल में पढने वाले कक्षा 11 के एक छात्र की दुर्घटना में मौत हो गई। 11 अक्टूबर को डी ए वी पब्लिक स्कूल में आयोजित पांचवां राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का समापन था, जिसमे कक्षा 11 का छात्र विपुल कुमार सिंह वायलेंटियर के रूप में लगा हुआ था। खेल कार्यक्रम सुबह से ही चल रहा था और देर शाम तक प्रदेश के कई जिलों से आई अन्य डी ए वी पब्लिक स्कूल की टीमों को ट्राफी वितरण का आयोजन हो रहा था। इस ट्राफी वितरण में पुलिस अधीक्षक सुधीर सिंह भी बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।
नीली बत्ती लगी गाड़ी ने मारी टक्कर

कार्यक्रम का समापन होते होते रात को लगभग 8 बज गए, जिसके बाद छात्र विपुल कुमार ने अपने पिता विजय कुमार सिंह को फोन से सूचना देकर उसे एन टी पी सी टाउनशिप के पास से उसे घर ले जाने के लिए बुलाया। विपुल के पिता स्कूल तक पहुंच पाते कि उससे कुछ मिनट पहले ही छात्र विपुल स्कूल के बाहर सड़क के किनारे खड़ा होकर अपने पिता का इंतजार कर रहा था कि अचानक एक नीली बत्ती लगी बोलेरो जीप इस छात्र को धक्का मारती हुई चली गई। बोलेरो के धक्के से विपुल सड़क के किनारे गड्ढे में गिर गया और वहीं उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार नीली बत्ती लगी बोलेरो जीप पुलिस की थी।
खून से लथपथ बड़ा था लड़का

थोड़ी ही देर बाद जब विपुल के पिता ने स्कूल के पास पहुंच कर उसकी तलाश शुरू की तो वहां खड़े कुछ लोगों ने बताया कि एक लड़के का एक्सीडेंट हुआ है। देख लीजिये कहीं वह बच्चा आपका ही तो नहीं है और जब विपुल के पिता मौके पर जाकर देखे तो उनके होश ही उड़ गए। सड़क पर पड़ा खून से लथपथ विपुल को उसके पिता उसे लेकर तुरंत थोड़ी दूर पर ही स्थित सामुदायिक स्वास्थ केंद्र लेकर पहुंचे, लेकिन यहां डाक्टरों ने विपुल को मृत घोषित कर दिया।

स्कूल प्रशासन ने वाहन सुविधा देनी की बंद

टांडा के अलीगंज थाना क्षेत्र में आसोपुर गाँव में स्थित डी ए वी पब्लिक स्कूल में पढने वाले बच्चों की संख्या काफी अधिक है, जिनके लिए स्कूल प्रशासन की तरफ से बस की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है और इस सुविधा के लिए अभिभावकों से मासिक शुल्क भी लिया जाता है, लेकिन इधर इस खेल आयोजन को लेकर स्कूल में जबसे तैयारियां चल रही थी, तबसे सभी छात्र छात्राओं को स्कूल प्रशासन ने अपनी सुविधा से आने के लिए फरमान सुना दिया था। मजबूरन स्कूल के सभी छात्र छात्राएं या तो सडक पर खड़े होकर किसी सवारी वाहन का इन्तजार करते थे, या फिर उनके अभिभावक उन्हें लेने के लिए जाते थे। इस दौरान स्कूल के बाहर सडक के किनारे बच्चे खड़े रहते थे और स्कूल की तरफ से उनको देखने वाला कोई नजर नहीं आता था।
स्कूल की लापरवाही ने ली जान

16 वर्षीय छात्र विपुल के पिता का आरोप है कि खेल आयोजन के दौरान बस की सुविधा बंद करने और बिना अभिभावक के स्कूल पहुंचे बच्चों की देखभाल करने के बजाय उन्हें सड़क तक आने देने की लापरवाही विद्यालय की तरफ से की गई है, जिसके कारण उनके बच्चे की जान चली गई। कई अन्य अभिभावकों का भी आरोप है कि डी ए वी स्कूल में बच्चों को रोज स्कूल से बाहर निकलते समय कोई ध्यान स्कूल प्रशासन की तरफ से नहीं दिया जाता है। इसके अलावा कौन बच्चा किसके साथ जा रहा, इसकी भी तहकीकात कभी नहीं की जाती है। कुछ लोगों ने बताया कि बच्चों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन बसों की संख्या कम है। जिसके कारण रोज बच्चों को भूसे की तरह बस में भर कर लाया जाता है। लोगों का मानना है कि अगर रोज की तरह बुधवार को भी स्कूल बस से ही स्कूल प्रशासन बच्चों को भेजता तो विपुल की जान न जाती, लेकिन स्कूल प्रशासन लालच के कारण विपुल की जान ले ली।

सरकार के निर्देशों के बावजूद प्रशासन नहीं करता कार्रवाई

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों में सुधार के लिए बड़े बड़े फरमान जारी किये थे। प्रदेश और देश में स्कूली बच्चों के साथ हुए कई हादसों के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी कई आदेश दिए जाने के बावजूद पूरे जिले में स्कूलों की मनमानी चरम पर दिखाई पड़ती है। केवल इन्ही स्कूलों पर नियन्त्रण करने और अच्छी शिक्षा की व्यवस्था पर नजर बनाए रखने के लिए पूरा शिक्षा विभाग लगा हुआ है, जो लाखों रूपये वेतन तो लेता है, लेकिन इन प्राइवेट स्कूलों की तरफ से जो मनमाने ढंग से फीस वसूली और सुरक्षा की कोई व्यवस्था न होने पर न तो जिला प्रशासन कोई कार्यवाही करता है और न ही शिक्षा विभाग के अधिकारी।

मुकदमा दर्ज करने की मांग

वैसे तो डी ए वी पब्लिक स्कूल बड़ी संस्था है और शायद इस संस्था के खिलाफ पुलिस और प्रशासन कोई कार्यवाही करे, क्योंकि इस खेल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि खुद इस जिले के पुलिस अधीक्षक सुधीर सिंह रहे, लेकिन छात्र विपुल की दुर्घटना में हुई मौत के बाद उसके पिता का आरोप है कि यह मौत डी ए वी के प्रिंसपल की लापरवाही के कारण हुई है, इसलिए जिस अज्ञात वाहन से दुर्घटना हुई है उसके साथ ही प्रिंसपल के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाय। रात में घटना के कई घंटे बाद सीओ टांडा और अलीगंज थानाध्यक्ष सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पर पहुँच कर मृतक विपुल का पंचनामा भरवा कर लाश को अपने कब्जे में ले लिया था। अब देखना यह है कि क्या पुलिस और प्रशासन बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर विद्यालय की लापरवाही पर कार्यवाही करेंगे।
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