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गुरुग्राम के बाद अंबेडकर नगर में मासूम के साथ बड़ी घटना, पांच शिक्षकों की सामने आई क्रूरता!

locationअम्बेडकर नगरPublished: Sep 12, 2017 07:18:55 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

गुरु-शिष्य की परम्परा को तोड़ते हुए एक विद्यालय के पांच अध्यापकों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं।

 Ambedkar Nagar News

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अम्बेडकर नगर. हरियाणा के गुरुग्राम के मासूम छात्र प्रद्युम्र सिंह के दर्द से देश अभी उबर नहीं पाया था कि अंबेडकर नगर में एक मासूम के साथ शिक्षकों की बर्बरता की कहानी सामने आने के बाद सभी का रूह कांप गया है। गुरु-शिष्य की परम्परा को तोड़ते हुए एक विद्यालय के पांच अध्यापकों ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं।
मामला अम्बेडकर नगर जिले के जहांगीर गंज थाना क्षेत्र का है। इस क्षेत्र के ग्राम नसीर पुर के उच्च प्राथमिक विद्यालय के कक्षा छठवीं के छात्र सूर्यकांत (११) रोज की तरह कल भी अपने विद्यालय गया तो था पढऩे के लिए, लेकिन न तो उसे और न ही उसके माता-पिता को पता था कि जिन गुरुओं की शरण में वे अपने बच्चे को ज्ञान अर्जित करने के लिए भेज रहे हैं, वे दरिंदा भी बन सकते हैं। इस विद्यालय के पांच अध्यापक किसी मामूली बात पर सूर्यकांत पर आग बबूला हो गए और हाथ में डंडा लेकर उस पर पिल पड़े। डंडे से उसकी पिटाई शुरू कर दी। अध्यापक के रूप में इन दरिंदों ने यह भी नहीं देखा कि इस मासूम के शरीर पर चोटें कहां-कहां लग रही हैं। ये पांचों शिक्षक सूर्यकान्त की पिटाई करते रहे और वह चिल्लाता रहा। छोडऩे की भीख मांगता रहा, लेकिन वे नहीं रुके। जब पांचों शिक्षक उसकी लगातार पिटाई कर थक गए तो उसे छोड़ दिया। दहशत के कारण मासूम सूर्यकांत अपने घर गया तो वहां भी उसने पहले किसी को कुछ नहीं बताया। दर्द सहता रहा और गुम सुम सा एक किनारे चुपचाप जाकर बैठ गया। घर वालों को जब इस बात का एहसास हुआ कि उसके साथ कोई घटना घटी है तो वे लोग उससे पूछने लगे, जिसके बाद उसने अध्यापकों की क्रूरता की कहानी बताई। घर वालों ने उसकी दशा देखी तो हतप्रभ रहे गए। मासूम के सिर, हाथ, पैर, पीठ, पेट और शरीर के बाकी अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोटें आई थीं। लेकिन, उस समय स्कूल की छुट्टी हो चुकी थी, इसलिए घर वाले इस मासूम को पहले डॉक्टर के पास ले गए और उसे दवा दिलाई।
घर वालों ने पुलिस में की है इसकी शिकायत

मासूम छात्र सूर्यकांत के पिता ओम कृष्ण ने सुबह ही अपने पुत्र के साथ जहांगीर गंज थाने पहुंचे। उन्होंने वहां पुत्र के साथ मारपीट करने वाले अध्यापकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने इस मामले में जांच कर कार्रवाई का सिर्फ आश्वासन देकर उन्हें वापस भेज दिया। इस मामले की जब मीडिया को जानकारी हुई तो मामले ने तूल पकड़ा। कई मीडिया कर्मियों ने विद्यालय जाकर घटना की हकीकत जानने का प्रयास किया। वहां के प्रधानाचार्य ने खुद इस बात को माना कि बच्चे के साथ अध्यापकों ने मारपीट की है। खुद सूर्यकान्त ने बताया कि उसके हाथ में कोई पर्ची थी, जिस पर लिखा था कि जो इस पर्ची को पाएगा वह विद्यालय कि ही एक लड़की को दे देगा। इसी पर्ची को सूर्यकान्त के हाथ में पाने के बाद इन अध्यापकों ने पहले उसे धमकाया कि बताओ किसने लिखा है, नहीं तो पुलिस को बुलवाकर तुम्हे पुलिस के हवाले कर देंग। दहशत में आकर इस बच्चे ने कह दिया कि पर्ची उसने ही लिखी है। इसी बात पर इस विद्यालय के पांचों अध्यापकों ने उसकी जमकर डंडे और लात मुक्कों से पिटाई की।
बीएसए का बेशर्म बयान

शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों को जब अध्यापकों की इस करतूत का पता चला तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा, लेकिन जब मीडिया कर्मियों ने बीएसए अतुल कुमार सिंह से पूरे मामले में जानकारी चाहि तो उन्होंने कहाकि जहांगीर गंज क्षेत्र में एक बच्चे को चोट लग गई है, जिसकी जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया है। उन्हें जब बताया गया कि बच्चे का आरोप है कि उसे पांच अध्यापकों ने मिलकर पीटा है तो वे बेशर्मी पर उतर आये और कहने लगे कि अब ये कैसे पता चलेगा कि बच्चे को अध्यापकों ने पीटा है कि वह स्वयं कहीं गिर कर घायल हुआ है। शायद बीएसए महोदय को इतना भी नहीं पता कि इतना छोटा बच्चा अगर गिर कर घायल होता तो वह किसी अपने अध्यापक पर आरोप नहीं लगाता।
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