अम्बेडकर नगरPublished: Feb 12, 2018 07:55:29 pm
Ashish Pandey
गर्भ में पल रही बेटी संग जान से हाथ धोना पड़ा
अम्बेडकर नगर। बेटे और बेटियों के बीच फर्क न हो सके इसके सरकार न सिर्फ के अभियान चला रही है बल्कि बेटियां मां-बाप पर बोझ न बने इसके लिए उनकी पढ़ाई से लेकर शादी विवाह का जिम्मा भी उठा रही है। बावजूद इसके कई बार ऐसे मामले सामने आ जाते हैं, जो न सिर्फ दिल को दहला देते हैं बल्कि उस महिला को इसकी बेवजह सजा भुगतनी पड़ती है, जो न सिर्फ किसी की बहू होती है, बल्कि वह किसी की माँ भी होती है, बहन भी होती है और अपने माँ बाप की बेटी भी होती है। देश में बेटियों को बढ़ावा देने के लिए सरकारें कितना ही योजनाएं क्यों न लाई हों , जहाँ बेटियां तो जन्नत का फूल और घर की लक्ष्मी माना जाता है , वहीं आज भी इस समाज में बेटियों के दुश्मन कम नहीं हो रहें है और बेटी पैदा होना अभिशाप मानते है । एक पांच माह की गर्भवती महिला के साथ दरिंदगी की हदों को पार कर , उसी के पति ने उसे और उसकी कोख में पल रही नन्ही सी जान को भी नहीं बक्सा और बेरहमी से दोनों को मार डाला।
ये है पूरा मामला-
अम्बेडकरनगर जिले के टांडा कोतवाली क्षेत्र के रसूल पुर गाँव, जहां 10 वर्ष पूर्व रीता की शादी पूरी रीति रिवाज के साथ हुयी थी। घर वालों ने आरोप लगाया की शादी के दो साल बाद ही रीता ने एक बेटी को जन्म दिया और जन्म देने के बाद से ही बेटी को लेकर उसे प्रताड़ित किया जाता रहा। जैसे तैसे चलता रहा, लेकिन जब रीता ने दूसरी बेटी को जन्म दिया उसकी जिंदगी नर्क बन गयी। उसे तरह तरह से प्रताड़ित किया जाने लगा। यहां तक की मार पिटाई के अलावा उसे खाना भी ठीक से नहीं दिया जाता था और उस पर घर वालों के ताने भी उसको सुनने पड़ते थे। मृतका के भाई ने बताया की जब उसके घर वालो को पता चला की रीता की कोख में पल रही जान बेटी है तो उसे रास्ते से हटाने के लिए जान से मार डाला। रीता के भाई ने ये भी आरोप लगाया की हम लोगों को गाँव के दूसरे लोगों ने फोन करके बताया की उसकी बहन मर चुकी है , घर वालो ने उन सबको उसकी सूचना भी नहीं दिया था और गुपचुप तरीके से दाह संस्कार के किये ले जाने की तैयारी में थे।
अंतिम संस्कार रोक पुलिस ने कराया पोस्टमार्टम-
मृतक महिला के परिवार वाले घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंच कर पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने अंतिम संस्कार को रोक कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। रीता के भाई और माँ ने आरोप लगाया की जब लोगों ने घर वालों से पूंछा की कैसे हो गया तो हम लोगों को बताया गया की सीढ़ी गिर कर मौत हुयी है , पर रीता के शरीर पर कही भी चोट के निशान नहीं थे, बल्कि उसके गले में रस्सी का निशान था रीता के घर वाले हमेसा उसे ताना दिया करते थे की हमें बेटी नहीं बेटा चाहिए। रीता की माँ ने बताया की रीता जब भी घर आती थी ति यही कहती थी उसके घर वाले उसकी बेटियों को बोझ मानते थे। इस मामले में पुलिस उप अधीक्षक ने बताया कि मामले की जांच और पोस्मार्टम रिपोर्ट आने के बाद वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।