रात में लगभग 9 बजे जब कार से यह लोग पीपे का पुल पार करने लगे, उसी समय अचानक पीपे के पुल से ही इनकी गाड़ी नदी में गिर गई और कार में बैठे पांच लोग कार के अंदर ही फंस गए। इस घटना में कार में बैठे तीन लोगों की तो कार में ही डूब कर मौत हो गई, और दो लोग किसी तरह से पानी के अंदर ही अपने बचाव का प्रयास करके कार से बाहर निकलने में कामयाब हो गए और तैर कर अपनी जान बचा ली।
जिले का प्रशासनिक अमला पहुंचा मौके पर इस बड़ी घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अमला तुरंत हरकत में आ गया और अम्बेडकर नगर जिले के अलावा गोरखपुर जिले के भी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही पुलिस विभाग मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य में जुट गया। जानकारी के अनुसार पीपे के पुल पर जब कार पहुंची तो पुल का संतुलन कुछ गड़बड़ा गया और कार सीधा नदी में जा गिरी, जिसमें नंदकिशोर 28, रामाज्ञा यादव 45 और शीला यादव पत्नी रामाज्ञा यादव की डूबने से मौत हो गई। सीमा क्षेत्र के अनुसार जिस जगह पर नदी में कार गिरी थी, वह एरिया गोरखपुर जिले के बेलघाट थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है, इसलिए मृतकों की लाश को पंचनामा भरकर बेलघाट पुलिस को सौंप दिया गया।
पीपे के पुल की खराबी से हुआ ये हादसा कम्हरिया घाट पर घाघरा नदी के ऊपर बनाए गए इस पीपे के पुल की खराबी के कारण ही इस बड़ी घटना का होना बताया जा रहा है। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार पीपे के पुल की मरम्मत का कार्य काफी दिनों से नहीं हुआ था और दो पीपों के बीच में एक गार्टर निकल कर ऊपर उठा हुआ था। रात में इस गार्टर को कार चला रहे नन्द किशोर यादव ने नहीं देखा, जिसमें कार टकरा गई और कार का बैलेंस बिगड़ गया, जिसके बाद कार सीधा नदी में जा गिरी।
थोड़ी सी दूरी कम करने के चक्कर में हुआ हादसा शादी समारोह से इलाहाबाद से वापस गोरखपुर लौट रहा यह परिवार जब अम्बेडकरनगर जिले में पहुंचा तो इसके पास गोखपुर जाने के तीन रास्ते थे, जिसमे एक टांडा से बस्ती होते हुए गोरखपुर, दूसरा बिडहर गात से संत कबीर नगर होते हुए और तीसरा कम्हरिया घाट से सीधा गोरखपुर। टांडा और बिडहर घाट पर घाघरा नदी पर पक्का पुल बना हुआ है, लेकिन इन दोनों रास्तों से दूरी थोड़ी सी बढ़ जाती है। शायद इसी दूरी को कम करने के लिए इस परिवार ने कम्हरिया घाट का रास्ता चुना और यहां पीपे के अस्थाई पुल पर यह हादसा हो गया।
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