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वॉशरूम गई महिला ने दिया बेबी को जन्म, नवजात बच्ची फिसलकर टॉयलेट सीट में फंसी, फिर हुआ जो चमत्कार…

locationअम्बेडकर नगरPublished: Sep 19, 2018 08:55:18 am

स्वास्थ्य विभाग का शर्मनाक कारनामा, गर्भवती महिला ने टॉयलेच में दिया बेटी को जन्म…

Woman deliver baby girl in toilet Ambedkar Nagar

वॉशरूम गई महिला ने दिया बेबी को जन्म, नवजात बच्ची फिसलकर टॉयलेट सीट में फंसी, फिर हुआ जो चमत्कार…

अम्बेडकर नगर. प्रदेश और केंद्र सरकार गांव-गांव तक स्वास्थ सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है। गर्भवती महिलाओं के लिए तो विशेष अभियान चलाकर संस्थागत प्रसव कराने के साथ ही जच्चा और बच्चा की देखभाल के लिए तमाम योजनाएं चलाने का दावा करती है। लेकिन जिले के एक स्वास्थ केंद्र से जो मामला सामने आया है वह बेहद ही शर्मनाक है।
जिले के बसखारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विश्वकर्मा जयंती के दिन प्रसव पीड़ा से कराहती एक महिला पहुंची तो वहां दोपहर में ही 12 बजे स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों ने उसे इमरजेंसी में मदद देने के बजाय यह कह कर भगा दिया गया कि आज अस्पताल बंद हो गया है, कल आना। दर्द से कराहती महिला अपने पति के साथ अस्पताल से बाहर आई और अपने पति से शौचालय जाने के लिए कहा। पास में बसखारी बाजार में एक सार्वजनिक शौंचालय में उस महिला के पति ने महिला को पहुंचाया जहां अंदर गई दर्द से कराहती महिला ने टॉयलेट शीट पर ही एक बच्ची को जन्म दे दिया।
प्रसव होते ही टॉयलेट में फंस गई बच्ची

प्रसव से पीड़ित महिला शर्मिला जब टॉयलेट शीट पर बैठी और थोड़ी ही देर में जब उसने बच्ची को जन्म दिया तो बच्ची का सिर सरक कर टॉयलेट शीट के अंदर फंस गया। दर्द से कराहती महिला शर्मिला जोर से चिल्लाई और जब उसके पति रामचंदर ने अपनी पत्नी की आवाज सुनी तो आस पास के लोगो से मदद के लिए कहा। आस-पास की महिलाएं जब शौचालय पहुंची तो फंसी हुई बच्ची को सीट से निकाला और जच्चा, बच्चा दोनों को बगल के निजी नर्सिंग होम पहुंचाया। जहां से इलाज के बाद जच्चा-बच्चा दोनों घर गए।
स्वास्थ कर्मियों को बचाने में जुटे सीएमओ का शर्मनाक बयान

वहीं इस मामले में जब मुख्यचिकित्साधिकारी से बात की गई और स्वास्थ विभाग के लापरवाह कमर्चारियों की इस करतूत पर उनकी प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया गया तो उनका बेहद शर्मसार कर देने वाला बयान सामने आया। सीएमओ ने पत्रकारों को बताया कि महिला किसी आशा बहू के साथ नहीं आई थी और जिस समय महिला प्रसव पीड़ा से पीड़ित होकर गई थी, उस समय उसने यह नहीं बताया कि उसे भर्ती होना है। उन्होंने कहा कि फिर भी अगर किसी तरह की लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई होगी। जबकि पीड़ित महिला स्वयं बता रही है कि जब वह पर्चा बनवाने गई तो उसे पर्चा ही नहीं दिया गया।

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