गौरतलब है कि लुण्ड्रा के ग्राम रिरी में राजस्व अधिकारियों के साथ साठगांठ कर छोटे झाड़ के जंगल की लगभग 1132 एकड़ शासकीय भूमि के राजस्व रेकॉर्ड में हेराफेरी कर 32 भूखण्ड में विभक्त कर गांव के ही अज्ञात यादव परिवार के 19 सदस्यों के नाम करवा लिया था।
इस संबंध में मामले के मास्टर माइंड रामानुजगंज के ग्राम इंदरपुर निवासी 45 वर्षीय व्यास मुनि यादव पिता लालजी यादव व दस्तखीर ने रायगढ़ के फतेहपुर कोल माइंस प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के अधिकारियों से बिक्री हेतु बात भी कर ली थी। राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर राजस्व रेकॉर्ड में छेडख़ानी कर कुछ लोगों द्वारा बिक्री किए जाने हेतु सौदा किए जाने की शिकायत वर्ष 2011 में जनप्रतिनिधियों द्वारा कलक्टर से की गई थी।
जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर अपर कलक्टर निर्मल तिग्गा ने तात्कालीन तहसीलदार बालेश्वर राम ने मामले की जांच की थी। जांच के दौरान यह पाया गया था कि ग्राम रिरी में खसरा नंबर 138 राजस्व मद की भूमि के राजस्व अभिलेख में फर्जी तरीके से अज्ञात यादव परिवार के 19 सदस्यों एवं परिचितों के नाम दर्ज करा लिया गया है।
जांच के दौरान यादव परिवार का ग्राम रिरी में कोई अस्तित्व होना नहीं पाया गया। जांच होने की जानकारी होने के बाद हल्का पटवारी द्वारा बिना वैधानिक आदेश के उक्त भूमि को पुन: निजी मद से शासकीय मद में दर्ज कर लिया गया था। शासन द्वारा इस मामले में तात्कालीन हल्का पटवारी सहित 5 राजस्व अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ 420 व 34 का जुर्म दर्ज किया गया था लेकिन इसके बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में चला गया था।
पुराने प्रकरणों की फाइल जांचने के दौरान यह मामला एसपी सदानंद कुमार के सामने आया। बलरामपुर में पदस्थापना के दौरान ग्राम इंदरपुर में जमीन घोटाले के मामलें में जो तथ्य सामने आए थे, उसके आधार पर प्रकरण की जांच एसपी के मार्गदर्शन में विशेष अनुसंधान दल द्वारा आगे बढ़ाई गई।
मामले के मास्टर माइंड इंदरपुर निवासी व्यास मुनि यादव को उसके घर से पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस ने व्यास मुनि को धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी के तहत गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया। इसके पूर्व विशेष अनुसंधान दल ने रामचंद्रपुर के ग्राम गाजर निवासी मामले के एक अन्य आरोपी को न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने उन्हें रिमांड पर पूछताछ के लिए लिया है।
5 राजस्व अधिकारियों सहित 24 आरोपी हैं शामिल
पुलिस के अनुसार मामले में पांच राजस्व अधिकारी भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है। इसमें 3 पटवारी, 1 बंदोबस्त अधिकारी व 1 कानूनगो शाखा का कर्मचारी शामिल हैं।
अनुबंध होने से पहले ही हो गई थी शिकायत
मामले में आरोपियों द्वारा राजस्व रेकॉर्ड में हेराफेरी कर बेचने के लिए फतेहपुर कोल माइंस से सौदा तय करने हेतु बात भी कर ली गई थी। लेकिन उससे पहले ही यह सारी बातें सामने आ गई और आरोपियों को तय रकम कम्पनी द्वारा नहीं दिया गया था।
विधायक प्रतिनिधि भी है मास्टर माइंड
आरोपी व्यास मुनि यादव रामानुजगंज क्षेत्र में राजनीति रसूख भी रखता है। वह उपसरपंच व जनपद सदस्य भी रह चुका है। मास्टरमाइंड व्यासमुनि यादव अपने आपको वर्तमान विधायक का प्रतिनिधि बताते हुए पूरे क्षेत्र में काम करता है।
इन्दरपुर मामले में ले चुका था 1 करोड़ 35 लाख
मामले में सभी आरोपियों ने बलरामपुर-रामानुजगंज क्षेत्र में भी 250 एकड़ शासकीय भूमि के रेकॉर्ड में हेराफेरी करते हुए उसे एसकेएस इस्पात व फतेहपुर कोलमाइंस को भी बिक्री कर दी थी। इसके एवज में कम्पनी के कर्मचारियों से 1 करोड 11 लाख रुपए भी व्यास मुनि यादव ने प्राप्त कर लिया था।
इस मामले में नामांतरण के दौरान पूरे मामले का खुलासा हुआ था। मामले में 4 पटवारी, 1 तहसीलदार व एक नायब तहसीलदार भी शामिल हैं, उनकी भी गिरफ्तारी होनी है। फिलहाल उक्त मामले में हाईकोर्ट से आरोपियों ने कार्रवाई पर स्थगन प्राप्त कर लिया है।